हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग की आवश्यकता पड़ती है.
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य विशेष को करने के लिए शुभ-अशुभ घड़ी को देखने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक दिन लगने वाला राहुकाल एक ऐसा समय होता है, जिसमें किसी भी कार्य को करने पर उसमें बाधा या फिर असफलता का सामना करना पड़ता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि यानि 29 अगस्त 2022
किस दिशा में रहेगा दिशाशूल
जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें. आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल भद्रा , पंचक , प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं. कब रहेगा राहुकाल
हिंदू धर्म में जिस तरह किसी भी काम को करते समय न सिर्फ शुभ समय का ख्याल रखा जाता है, बल्कि शुभ दिशा पर विचार किया जाता है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक दिन किसी न किसी दिशा में दिशाशूल रहता है, जिस ओर जाने पर व्यक्ति को तमाम तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। पंचांग के अनुसार आज सोमवार के दिन पूर्व दिशा में दिशाशूल होता है, ऐसे में इस दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि इस ओर जाना बहुत जरूरी हो तो व्यक्ति को घर से आईना देखकर निकलना चाहिए