गलियों में चल रहीं नाव काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों ने छोड़े घर,
मंदिरों और घाटों के शहर काशी में गंगा नदी का उफान जारी है. गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. काशीवासियों को मां गंगा अब डराने लगी हैं. वाराणसी में गंगा की उफनाई लहरें रविवार की शाम को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में प्रवेश कर गईं. जलासेन पथ के रास्ते धाम में गंगा की लहरें घुसने के बाद पूरा रैंप पानी में डूब गया. दूसरी तरफ गंगा ने अस्सी घाट को पूरी तरह से डूबो दिया है. वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुका है. तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग राहत शिविर में शरण लिये हैं. ढाब व गोमती के पास के इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गईं हैं.
वर्तमान में अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं. गंगा में आई बाढ़ से करीब दो लाख लोगों पर असर पड़ेगा. अभी तक काशी में बाढ़ से करीब 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. 10 हजार से ज्यादा लोग अपने घर को छोड़कर जा चुके हैं. वाराणसी शहर के 20 वार्ड और जिले के 104 गांव बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7048 बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में और रिश्तेदारों के यहां घरों पर विस्थापित किया गया है. बाढ़ के पानी से जिले में हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.
नाव से ले जा रहे लाश
वाराणसी में सबसे ज्यादा दिक्कत शवदाह में हो रही है. वाराणसी के मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शव को ले जाने के लिए नाव बुक करना पड़ रहा है. लकड़ियां भी पानी की वजह से गीली हो गई हैं. शवदाह में काफी समय लग रहा है. मणिकर्णिका के कालू डोम ने बताया कि कई साल के बाद गंगा में इतना पानी बढ़ा है. दाह संस्कार की लकड़ियों को काफी ऊंचाई पर रखवाया गया है लेकिन पानी वहां भी पहुंच गया है. इस वजह से लकड़ियां गीली हो गई हैं.