आज शिक्षक दिवस पर पूरा देश ,फाइनेंशियल गुरुओं के बताए ये 5 सबक याद रखेंगे तो बनेगा पैसा ही पैसा
नई दिल्ली:आज शिक्षक दिवस पर पूरा देश शिक्षाविद और दार्शनिक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद कर रहा है. उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में गुजारे थे. उनका मानना था कि एक सच्चे शिक्षक वे हैं, जो हमें अपने लिए सोचने के लिए मदद करते हैं. डॉ. राधाकृष्णन के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे और आगे भी रहेंगे.
दुनिया में बहुत से महान दार्शनिक और शिक्षाविदों ने जन्म लिया है. उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में अपने विचार लोगों के सामने रखे, ताकि लोग अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर सकें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. इस टीचर्स-डे पर आइये आज हम उन महान लोगों द्वारा कही गई उन बातों को शेयर कर रहे हैं, जो मनी मैनेजमेंट में हमारे बहुत काम आ सकती हैं.
हजार मील के सफर की शुरुआत एक कदम से एक रिपोर्ट के आधार पर हम इस महत्वपूर्ण लेख को आपके साथ शेयर कर रहे हैं. बाजार किस तरफ जाएगा, इसकी सटीक भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता है. बाजार गिरता है, उठता है और फिर गिर जाता है. अगर किसी को बाजार से धन कमाना है तो उसे निवेश की शुरुआत तो करनी ही होगी. इस कहावत का अर्थ भी यही है कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने की शुरुआत छोटे कार्यों से ही होती है. इसलिए अगर आपको भी बाजार से पैसा कमाना है तो निवेश की शुरुआत करें. सही वक्त का लंबे समय तक इंतजार न करें.
जैसा बोओगे, वैसा काटोगे
हम जैसे काम करेंगे, फल हमें उसी अनुरुप मिलेंगे. फाइनेंशियल वर्ल्ड में भी यह कहावत बहुत मायने रखती है. किसी भी व्यक्ति के पोर्टफोलियो का प्रदर्शन उस व्यक्ति की निवेश रणनीति, निवेश के लिए योजनाओं के चुनाव और उन वेरिएबल्स पर निर्भर करता है, जिनका ध्यान पोर्टफोलियो बनाते समय रखा गया है. हालांकि, पोर्टफोलियो में बाजार की चाल के अनुसार, कुछ बदलाव की गुंजाइश रहती है. लेकिन लाभ और हानि ज्यादातर निवेशक का कार्यों और विकल्पों पर ही निर्भर करती है. इसलिए बाजार में निवेश बहुत सोच-समझकर करना चाहिए.
अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में न रखें
यह कहावत एक निवेशक को पोर्टफोलियो में विविधता के बारे में बताती है. अगर सारे अंडे एक ही टोकरी में होगी और यदि उसी एक टोकरी में कोई समस्या आती है, तो सारे अंडों पर संकट आ जाएगा. इसी तरह अगर कोई निवेशक किसी ही एसेट क्लास में निवेश करता है और उस परिसंपत्ति में किसी कारण मुसीबत आती है तो निवेशक को भारी नुकसान होगा. साथ ही उस हानि की भरपाई करने का भी कोई साधन उसके पास नहीं होगा. इसलिए निवेशक को हमेशा अपना निवेश अलग-अलग एसेट क्लास में करना चाहिए.