प्रयागराज के व्यापारी का 4 किलो सोना लूटने वाले 7 आरोपियों में 5 आरोपी पुलिस वाले थे.

जानिए क्या 22 साल पहले लखनऊ के चर्चित सोना लूट कांड ने उत्तर प्रदेश पुलिस की खूब किरकिरी करवाई. प्रयागराज के व्यापारी का 4 किलो सोना लूटने वाले 7 आरोपियों में 5 आरोपी पुलिस वाले थे. आरोप लगा कि पुलिसकर्मियों ने ही व्यापारी से सोना लूटा था. फिलहाल निचली अदालत से 16 साल की सुनवाई के बाद पुलिसकर्मियों समेत सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं.

 अदालत के इस फैसले के खिलाफ सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में अपील की तैयारी की जा रही है. 22 साल पहले 19 सितंबर 2006 को लखनऊ के तेलीबाग इलाके में हुई प्रयागराज के व्यापारी विशाल वर्मा से 4 किलो सोना लूट में सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं. व्यापारी संजय गुप्ता के लिए 36 लाख रुपए लेकर विशाल वर्मा अपने भाई मोनू वर्मा के साथ लखनऊ आया था. लखनऊ के चौक से विशाल वर्मा ने पंकज अग्रवाल से 4 किलो सोना खरीदा.

जानिए अब दोनों भाई अपनी टाटा सुमो से प्रयागराज जाने लगे तो रास्ते में दोनों भाइयों ने दो-दो किलो सोना सुरक्षा के लिए अपनी कमर में बांध लिया. बताते हैं कि जैसे ही गाड़ी रायबरेली रोड तेलीबाग इलाके में पहुंची तभी पीछे से आई मारुति कार से पांच लोग उतरे और खुद को पुलिस बता कर दोनों भाइयों के आंख पर पट्टी बांध दी. रास्ते में कार सवार लुटेरों ने दोनों भाइयों से उनका 4 किलो सोना छीन लिया और लावारिस हालत में लखनऊ के देवा रोड पर छोड़ दिया.

जब बदमाशों के चंगुल से छूटे विशाल वर्मा ने सबसे पहले इसकी सूचना पंकज अग्रवाल को दी और पंकज अग्रवाल, विशाल वर्मा को लेकर आलमबाग थाने पहुंच गए, जहां सोना लूट की एफआईआर दर्ज करवाई गई. व्यापारी से 4 किलो सोना लूट की घटना पर लखनऊ क्राइम ब्रांच को लगाया गया और लखनऊ क्राइम ब्रांच ने 27 सितंबर 2006 को दो कॉन्स्टेबल सुशील और आलोक को गिरफ्तार किया इन दोनों से पूछताछ के बाद श्रावस्ती में तैनात सब इंस्पेक्टर संतोष सिंह और कांस्टेबल संतोष तिवारी को भी गिरफ्तार किया दिन सब इंस्पेक्टर बैजनाथ यादव को गिरफ्तार किया गया.

 तरह लखनऊ क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर संतोष सिंह,बृजनाथ यादव और कॉन्स्टेबल सुशील, आलोक और संतोष तिवारी को गिरफ्तार किया. पुलिस को सब इंस्पेक्टर संतोष सिंह और संतोष तिवारी के पास से एक 1-1 किलो सोना भी बरामद हुआ पुलिस वालों की गिरफ्तारी हुई इस घटना में शामिल दो अन्य आरोपी नीरज गुप्ता और सुभाष ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इनके पास से भी 1 किलो सोना बरामद हुआ. पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों के बयान, मोबाइल लोकेशन, बरामद सोने की पहचान और विशाल वर्मा के द्वारा दिए गए बयान के आधार पर पुलिस ने 6 दिसंबर 2006 को चार्जशीट दाखिल कर दी.

ये लोग गिरफ्तार किए गए सभीपुलिसकर्मियों समेत सात आरोपी  जमानत पर रिहा कर दिए गए. लखनऊ के चर्चित सोना लूट कांड में 22 साल बाद फैसला आया है और लखनऊ की निचली अदालत ने सभी पुलिसकर्मियों समेत सात आरोपियों को सबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. हालांकि इस मामले में एडीजीसी ने निचली अदालत के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा है कि ऊपरी अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी, निचली अदालत ने पुलिस के द्वारा पेश किए गए सबूतों को नजरअंदाज किया है.अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील होगी.

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Translate »
error: Content is protected !!
Coronavirus Update