मामले की शुरुआती जांच में यह भी जानकरी सामने आई है कि चीन समर्थित कई कंपनियों द्वारा भारत की आर्थिक व्यवस्था पर गंदी निगाहें हैं, मगर उन तमाम मामलों पर जांच एजेंसी काफी सतर्कता से आगे की तफ्तीश कर रही है. जिन कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की गई है और जिसका नाम तफ्तीश के दौरान सामने आया है, वे इस प्रकार हैं.
भारत के अंदर चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों में साजिश के तार को जोड़ने में जुटी ईडी
जांच एजेंसी ईडी ने पिछले साल 8 अक्टूबर 2021 को इस मामले को टेकओवर किया था और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी. दरअसल यह मामला नागालैंड की राजधानी कोहिमा स्थित साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज किया गया था. दर्ज एफआईआर में HPZ टोकन नाम की मोबाइल ऐप और उससे जुड़े कई कंपनियों की जानकारी सामने आई थी.
इसके द्वारा बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बदले मोटा मुनाफा देने का लालच दिया जा रहा था. चीन समर्थित उन कंपनियों का शुरुआती जाल नागालैंड जैसे राज्यों से शुरू किया जाना भी सवालों और जांच के राडार पर है, क्योंकि नागालैंड या उसके आसपास के राज्य चीन के सीमावर्ती इलाके से जुड़े हुए हैं. लिहाजा इस मामले में होने वाली आगे की तफ़्तीश में जल्द ही कई अन्य खुलासा किया जा सकता है.
जब जांच एजेंसी ईडी द्वारा पहले भी चीन समर्थित इन कंपनियों से जुड़े मामले में कार्रवाई के दौरान कई बैंक अकाउंट के करीब 56 करोड़ 49 लाख रुपये की रकम को फ्रिज किया जा चुका है. ईडी की टीम द्वारा 14 सितंबर 2022 को सर्च ऑपरेशन को भी अंजाम दिया गया था और उस दौरान कार्रवाई करते हुए करीब 46 करोड़ 67 लाख रुपये को फ्रिज किया गया था. इस मामले में फिलहाल आगे की तफ़्तीश जारी है.चीनी कंट्रोल वाली 9 कंपनियों के अकाउंट फ्रीज किए