मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से न्यूराॅलजिया बना रही शिकर… कैसे करे बचाव? पढ़िए ख़बर
न्यूराॅलजिया (Neuralgia) के शिकार बन रहे आप, कारण मोबाइल-लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल
नई दिल्ली – मौजूदा समय में मोबाइल और लैपटॉप लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इन दिनों बच्चों से लेकर बड़े तक हर कोई अपना ज्यादातर समय इन गैजेट्स पर बिता रहा है। शौक और मनोरंजन के अलावा लोग अपने काम की वजह से भी मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। रोजमर्रा के जीवन में कामकाज के लिए इन उपकरणों का इस्तेमाल भले ही आपके काम को आसान बना रहा हो, लेकिन इसकी वजह से आप अनजाने में ही कई समस्याओं के शिकार होते जा रहे हैं। मोबाइल और लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से जहां आपकी आंखों को नुकसान होता है, तो वहीं इसकी वजह से कई शारीरिक समस्याएं भी होती हैं। अगर आप भी लगातार मोबाइल और लैपटॉप की इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप न्यूराॅलजिया नामक बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
न्यूराॅलजिया क्या है?
न्यूराॅलजिया खास तौर पर नर्व पेन से जुड़ी समस्या होती है। यह बीमारी किसी खास नस में दर्द से संबंधित होती है। न्यूराॅलजिया होने पर यह दर्द एक से ज्यादा नसों में फैल सकता है। इस समस्या की वजह से शरीर की कोई भी नस प्रभावित हो सकती है। नसों में सूजन होने पर भी न्यूराॅलजिया हो सकता है।
न्यूराॅलजिया का कारण
मुख्य तौर पर नसों में होने वाले दर्द को न्यूराॅलजिया कहा जाता है। नसों में किसी भी वजह से दर्द की समस्या हो सकती है। केमिकल्स या ड्रग्स के कारण, डायबिटीज, संक्रमण आदि की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा लैपटाॅप या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने से भी नसों में खिंचाव होता है, जिससे दर्द शिकायत होती है, जो न्यूराॅलजिया को बढ़ावा देता है।
लक्षण
अचानक से दर्द उठना और फिर इसका बहुत तेज हो जाना।
किसी नुकीली चीज के चुभने या जलन की अनुभूति होना।
छूने या दबाने पर तेज दर्द महसूस होना।
चलने-फिरने में परेशानी महसूस होना।
गर्दन से लेकर कोहनी और पंजों में दर्द ।
कंधे में सुन्न महसूस होना।
जलन और संवेदनहीनता महसूस होना।
मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द।
न्यूराॅलजिया से बचाव के तरीके
शरीर के किसी भी हिस्से में लगातार दर्द महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
मोबाइल का उपयोग करते वक्त इसे आंखों के स्तर पर रखें।
नियमित रूप से व्यायाम करने से गर्दन और कमर के दर्द से राहत मिल सकती है।
लैपटॉप का इस्तेमाल करते समय ऐसी पोजीशन में बैठे, जिससे गर्दन और कमर सीधी रहें।
लगातार मोबाइल- लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें और बीच-बीच में टहलें।
बचाव
कोरोनाकाल हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव लेकर आया। इस दौरान लोगों का स्क्रीन टाइम भी पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गया, जिसकी वजह से लोगों में न्यूराॅलजिया की समस्या भी बढ़ने लगी। बढ़ते स्क्रीन टाइम की वजह से गर्दन की डिस्क बल्ज के कारण कई नसों पर दबाव पड़ा, जिससे न्यूराॅलजिया की समस्या बढ़ी। ऐसे में इन आसान तरीकों की मदद से आप अपना स्क्रीन टाइम कम कर सकते हैं।
स्क्रीन टाइम कम करने के लिए काम खत्म होने के बाद नोटिफिकेशन बंद कर दें, ताकि बार-बार नोटिफिकेशन चेक करने के चक्कर में आप मोबाइल इस्तेमाल करने न लग जाएं।
कोशिश करें कि जब भी आपको समय मिले, आप स्क्रीन से दूरी जरूर बनाएं। साथ ही ऑफिस में ब्रेक के दौरान भी स्क्रीन से दूर हो जाएं और बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें।
लोग अपना ज्यादातर समय सोशल मीडिया साइट्स देखने में गुजारते हैं। ऐसे में अगर आप अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहते हैं, तो सोशल मीडिया साइट्स को स्क्रॉल करने की आदत छोड़ दें।
अगर आप अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहते हैं, तो बीच-बीच में डिजिटल ब्रेक लेते हैं। इस ब्रेक के दौरान आपको अपने फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स से पूरी तरह से दूरी बनाना होगी।
स्क्रीन टाइम कम करने के लिए अपने खाली समय में मोबाइल इस्तेमाल करने की जगह किसी अन्य गतिविधियाों जैसे किताबें पढ़ना, घूमने जाना, दोस्तों से मिलना आदि में मन लगा सकते हैं।