मत दान की चीज है और महादान है,जरा सोचिये जो वोट के लिए नोट देगा वह जनता के लिए कितना हितैषी होगा

मत दान की चीज है और महादान है,जरा सोचिये जो वोट के लिए नोट देगा वह जनता के लिए कितना हितैषी होगा
जौनपुर। स्थानीय निकाय चुनाव तिथि ज्यो ज्यो नजदीक आ रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और उनके समर्थक चुनाव जीतने की मंशा से मजबूत किलाबंदी करना शुरु कर दिये है।
मतो को अपनी अपनी ओर लुभाने के लिए हर वह हथकण्डा अपनाया जा रहा है। जो चुनाव के दरम्यान होता आ रहा है।
लालच देकर वोट लेने वालो से सावधान रहना होगा। लोकतंत्र मे मत देने की आजादी है। स्वेच्छापूर्वक मतदान करिये। लालच मे आकर अपने वोट को मत बेचिये।
मत दान की चीज है और महादान है। जरा सोचिये जो वोट के लिए नोट देगा वह जनता के लिए कितना हितैषी होगा।
माना की नोट की ताकत पर यदि कोई चुनाव जीत भी जाता है तो उसके व्यवहार मे तानाशाही की बू आने लगती है।
जुर्रत भी ऐसा करने लगता है कि जिसकी लोग अपेक्षा भी नही कर सकते। लोकतंत्र की महिमा को बढ़ाइये और निष्पक्षता और स्वेच्छा से मतदान करिये।
राजनीति ऐसा खेल है बड़े – बड़े सुरमा कब और कैसे मात खा जायेगे कुछ कहा नही जा सकता।