आवें में पक गए खुशियों के दीये, बाजार में चाइनीज झालरों से लेंगे टक्कर
आवें में पक गए खुशियों के दीये, बाजार में चाइनीज झालरों से लेंगे टक्कर
निशांत सिंह
जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार करीब आ रहा है वैसे-वैसे मछलीशहर तहसील क्षेत्र के गांवों बाजारों में कुम्हारों ने मिट्टी के दीये,परवे,घंटी और जतोले आदि को बनाकर आवें में पका लिये हैं।अब उन्हें बेचने की तैयारी है।यह विकास खंड मछलीशहर के बामी गांव का दृश्य है जहां कुम्हार राम कैलाश प्रजापति बुधवार की सुबह आवें से पके हुए मिट्टी के दीये निकाल रहे हैं। इससे पूर्व वह कुल तीन बार और आवां लगा चुके हैं और मिट्टी के दीयों का पर्याप्त स्टाक रख लिये हैं । बृहस्पतिवार से वह इन दीयों की गांव में घर- घर टहल कर बिक्री करेंगे। कुम्हारों को अपने इस परम्परागत कार्य के लिए पूरे साल दीपावली का इंतजार रहता है। दीपावली पर्व करीब आने पर दो तीन सप्ताह पहले से ही कुम्हार मिट्टी के दीये,जतोले,घंटी आदि बनाने का काम शुरू कर देते हैं। मिट्टी के इन दीयों को बनाने में दिन रात मेहनत करके इन्हें तैयार करने के बाद बाजार में कुम्हारों को दीयों को बेचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि बाजार में इनकी जंग कैंडल और चाइनीज झालरों से है।
वैसे दीपावली के करीब आने पर सोशल मीडिया में इनकी बिक्री की अपील करने वालों की बाढ़ आ जाती है खूब शेयर और लाइक बटोरे जातें हैं लेकिन जमीनी स्तर जब लोग इन मिट्टी के दीयों को तरजीह दें तो निश्चित इन कुम्हारों को लाभ मिले और उनकी भी दीवाली रोशन हो जाये। गांवों के ये कुम्हार अपने गांव के साथ साथ मछलीशहर तहसील क्षेत्र की बंधवा बाजार,जमुहर, गोधना, मीरगंज, सुजानगंज, मधुपुर, सरायबीका, जंघई, गरियांव,बरईपार और मछलीशहर और मुंगराबादशाहपुर कस्बे में भी अपने दीये ले जाकर बिक्री करेंगे। गांव और स्थानीय बाजारों में इन दीयों की बिक्री को लेकर उनकी उम्मीदें रोशन हैं।