Jaunpur News:नेवढ़िया में पैमाइश के दौरान हुई फायरिंग, लेखपाल कानूनगो हुए रफू चक्कर !

  • नेवढ़िया में पैमाइश के दौरान हुई फायरिंग, लेखपाल कानूनगो हुए रफू चक्कर !

जौनपुर जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर फायरिंग होने से क्षेत्र में दहशत का माहौल कायम हो गया है। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने पर बुला लिया है। थानाध्यक्ष ने फायरिंग होने से इनकार किया है दोनों पक्षों में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।

नेवढ़िया थाना क्षेत्र के पसियाही कला गांव में जोखनराम यादव एवं दिवाकर यादव के बीच जमीनी विवाद था। जिसकी दफा 24 के तहत पैमाइश के बाद पत्थर गड्डी का आदेश होने के कारण सोमवार की अपराह्न लेखपाल मनदीप मौर्य एवं कानूनगो ज्ञान प्रकाश सिंह टीम बनाकर मौके पर पहुंचे। बताया जाता है कि पत्थरगड्डी के लिए पैमाइश की कार्रवाई चल रही थी तभी आरोप है कि जिनका पैमाइश से कोई मतलब नहीं विपक्षी प्रेम शंकर प्रजापति ने जोखू राम यादव व सुभाष यादव को बुलाकर विवाद शुरू कर दिया इसके बाद भूतपूर्व मिलिट्री मैन जोखू राम यादव रिवाल्वर लेकर पैमाइश करा रहे टिंकू यादव को दौड़ाकर फायरिंग करना शुरू कर दिया। टिंकू यादव घबराकर घर की तरफ भागा जिससे मौके पर दहशत का माहौल पैदा हो गया।

मामला फायरिंग तक पहुंचाने के कारण कानूनगो ज्ञान प्रकाश सिंह एवं लेखपाल मंदीप मौर्या मौके से भाग खड़े हुए। फायरिंग के दहशत से लोग मौके पर जाना मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद 112 पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर नेवढ़िया थाने ले गई। समाचार लिखे जाने तक थाने पर लेखपाल कानूनगो एवं दोनों पक्षों को बैठाकर पुलिस समझौता कराने में लगी हुई है। इस संबंध में जब थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजाराम द्विवेदी से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि कोई फायरिंग नहीं हुई है बल्कि जमीन को लेकर कोई विवाद था दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया गया है कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
आपको बता दें कि इसके पहले बेनीपुर गांव में भी ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य एवं पत्रकार चंद्रशेखर यादव की जमीन को दबंगों द्वारा कब्जा किया जा रहा था जिसमें पुलिस की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध दिखाई पड़ा। पत्रकार की जमीन दबंगों द्वारा कब्जा किया गया और पुलिस ने पत्रकार के ही परिवार के नौ लोगों के ऊपर गंभीर धाराओं में कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भी भेजा गया। जबकि दबंग के ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे दबंग का मन और बढ़ा हुआ है।
आरोप है कि थानाध्यक्ष राजाराम त्रिवेदी जहां भी तैनात रहते हैं वहां जमीनी विवाद बरसाती मेंढक की तरह उतरा जाती है और वहां हत्या जैसी घटनाएं घटित होने की आशंका प्रबल हो जाती है। इसके पहले राजाराम द्विवेदी गौराबादशाहपुर में भी रह चुके हैं जहां कबीरुद्दीनपुर गांव में 30 अक्टूबर 2024 में जमीनी विवाद में ही अनुराग यादव की तलवार से गला काटकर हत्या कर दिया गया था। अगर इस पर शीघ्र अंकुश नहीं लगाया जाता है तो ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब नेवढ़िया भी जमीनी विवाद में नंबर-1 पर आकर जघन्य अपराधों की श्रेणी में आ जाएगी।

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