सीएम योगी की प्रशंसा करना पड़ा महंगा, सपा विधायक पूजा पाल पार्टी से निष्कासित

सीएम योगी की प्रशंसा करना पड़ा महंगा, सपा विधायक पूजा पाल पार्टी से निष्कासित
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून-व्यवस्था की तारीफ करना समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को भारी पड़ गया। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के आरोप में निष्कासित कर दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के जरिए यह निर्णय सार्वजनिक किया गया।
पूजा पाल, जो कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से विधायक हैं, ने हाल ही में विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा के दौरान योगी सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” और “न्यायप्रियता” की खुलकर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा,
“मेरे पति (पूर्व विधायक राजू पाल) के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी में मिला दिया। जब कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता था, तब मुख्यमंत्री ने मुझे न्याय दिलाया।”
पूजा पाल का यह बयान सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भले ही समर्थन जैसा हो, लेकिन समाजवादी पार्टी के अनुशासन के खिलाफ माना गया। पार्टी ने इसे “पार्टी लाइन के विरुद्ध सार्वजनिक बयान” करार देते हुए निष्कासन की कार्रवाई की।
इससे पहले सपा ने विधायक मनोज कुमार पाण्डेय, राकेश सिंह, और अभय सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया था।
🔹 राजनीतिक हलचल तेज
राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि पूजा पाल भाजपा में शामिल हो सकती हैं, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भाजपा नेताओं ने फिलहाल इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से परहेज किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पूजा पाल के बयान को भाजपा अपनी “माफिया के खिलाफ कार्रवाई” की नीति की पुष्टि के रूप में देख रही है।
🔹 पार्टी लाइन बनाम व्यक्तिगत पीड़ा
पूजा पाल का मामला एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या व्यक्तिगत पीड़ा और अनुभव सार्वजनिक मंच पर पार्टी लाइन से ऊपर हो सकते हैं? क्या किसी जनप्रतिनिधि को न्याय दिलाने वाले मुख्यमंत्री की प्रशंसा करना गुनाह है? ये सवाल न केवल सपा के लिए, बल्कि समूचे लोकतांत्रिक तंत्र के लिए विचारणीय हैं।