भोजवाल समाज के एमएलसी ने विधान परिषद में उठाई श्री अन्न कला बोर्ड गठन की मांग

भोजवाल समाज के एमएलसी ने विधान परिषद में उठाई श्री अन्न कला बोर्ड गठन की मांग
भोजवाल समाज ने जताया आभार, कहा- वर्षों की उपेक्षा अब खत्म हो
रिपोर्ट-विक्की गुप्ता
मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य गोपाल अंजान भोजवाल ने सोमवार को सदन में श्री अन्न कला बोर्ड के गठन की मांग उठाते हुए भोजवाल समाज के सामाजिक और आर्थिक उत्थान की दिशा में 5 सूत्रीय मांगों को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में माटी कला बोर्ड गठित किया गया है, उसी तर्ज पर श्री अन्न (मोटा अनाज) से जुड़ी पारंपरिक कला और कारीगरों के लिए अलग बोर्ड का गठन आवश्यक है।
एमएलसी भोजवाल ने सदन में कहा, “देश को आज़ाद हुए 79 साल हो गए, लेकिन भोजवाल समाज आज भी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से वंचित है। हमें भी हमारी जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी मिलनी चाहिए।”
विधान परिषद में रखी गई प्रमुख मांगें:
- उत्तर प्रदेश में श्री अन्न कला बोर्ड का गठन किया जाए।
- भोजवाल सरनेम को राज्य की पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किया जाए।
- भोजवाल समाज के भूमिहीन और अति गरीब परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर खेती योग्य भूमि का सरकारी पट्टा दिया जाए।
- भोजवाल समाज को सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग में शामिल कर उन्हें विशेष विकास योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।
- सरकार द्वारा भुर्जी जाति की जातिगत जनगणना कराई जाए।
समाज की ओर से समर्थन और आभार:
इस मुद्दे को सदन में प्रभावी रूप से उठाए जाने पर भोजवाल समाज में उत्साह का माहौल है। भोजवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण आज़ाद, संयोजक इंजीनियर उमाशंकर भोजवाल, रंजीत भोजवाल, कामेश्वर भोजवाल और विजय भोजवाल ने एमएलसी गोपाल अंजान भोजवाल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि, “वर्षों से उपेक्षित समाज की आवाज को पहली बार सदन में मजबूती से उठाया गया है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है।”