IAS Success Story:कौन है कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस —बिना तामझाम के साइकिल से ऑफिस जाते हैं!
🔹 “बचपन में सपना देखा था कलेक्टर बनने का, आज वही सपना लाखों युवाओं को जीना सिखा रहा है।”
– डॉ. सतीश कुमार एस
🧑⚕️ एक डॉक्टर, जो अफसर बना
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले से ताल्लुक रखने वाले डॉ. सतीश कुमार एस का जीवन एक साधारण परिवार से शुरू हुआ — पिता पटवारी और मां शिक्षिका। लेकिन सोच थी कुछ बड़ा करने की।
उन्होंने पहले मद्रास मेडिकल कॉलेज से MBBS किया। एक होनहार डॉक्टर बनने के बाद भी उनका मन प्रशासनिक सेवा की ओर झुक गया। उन्होंने IAS की तैयारी शुरू की और 2013 में UPSC परीक्षा पास कर ली।
🧗♂️ IAS की तैयारी: बिना कोचिंग, सिर्फ समर्पण
डॉ. सतीश कुमार की सफलता की सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने कोचिंग नहीं ली —
- केवल NCERT, स्टैंडर्ड बुक्स और न्यूजपेपर पर भरोसा
- समय का अनुशासन
- दृढ़ आत्मविश्वास
वे खुद लाखों युवाओं को यह संदेश देते हैं:
“सपना बड़ा रखो, साधन नहीं, साधना मायने रखती है।”
🚴♂️ सतना के कलेक्टर बने, तो पहुंचे साइकिल से ऑफिस!
आज के दौर में, जहां अधिकारियों के पीछे एस्कॉर्ट और गाड़ियों की लाइन लगती है,
डॉ. सतीश कुमार साइकिल से कलेक्टरेट पहुंचते हैं।
यह सिर्फ एक स्टाइल नहीं, एक संदेश है —
👉 “सरकारी पद सेवा के लिए हैं, शान के लिए नहीं।”
📚 निजी स्कूलों की लूट पर कसा शिकंजा
सतना में तैनाती के बाद उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए:
✅ एक स्कूल पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया, क्योंकि वह किताबें और ड्रेस सिर्फ एक दुकान से बिकवाने पर मजबूर कर रहा था।
✅ 17 स्कूलों पर ₹36 लाख का जुर्माना — क्योंकि उन्होंने NCERT की जगह महंगी प्राइवेट किताबें थोप दीं।
✅ पैरेंट्स को राहत और पारदर्शिता का भरोसा दिलाया।
⚖️ कर्तव्य के प्रति कठोर और न्यायप्रिय
एक स्कूल हेडमास्टर जनसुनवाई में पहुंचा, लेकिन स्कूल समय में ड्यूटी छोड़कर आया था।
कलेक्टर ने तुरंत उसे सस्पेंड कर दिया।
कड़ा संदेश गया —
👉 “पद की गरिमा, कर्तव्य से तय होती है।”
❤️ संवेदनशीलता की मिसाल
कोरोना काल में माता-पिता खो चुके बच्चों के साथ होली खेलना, उन्हें गिफ्ट देना, और उनके चेहरों पर मुस्कान लाना —
ये दर्शाता है कि वे कठोर प्रशासनिक अफसर से पहले एक अच्छे इंसान हैं।
🌟 जनता के दिलों में बसने वाले कलेक्टर
चाहे सादगी हो या सुधार, डॉ. सतीश कुमार आज सतना ही नहीं, पूरे मध्यप्रदेश में एक ऐसे अफसर के रूप में पहचाने जाते हैं जो:
🔸 सख्ती से नियम लागू करते हैं
🔸 जनता के करीब रहते हैं
🔸 हर वर्ग की आवाज़ सुनते हैं
🔸 सिस्टम को जवाबदेह बनाते हैं
🔚 निष्कर्ष:
डॉ. सतीश कुमार एस की IAS Success Story सिर्फ एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है,
यह कहानी है सपनों, संघर्ष और सेवा की।
वे आज उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो सोचते हैं कि साधारण परिवार से निकलकर असाधारण मुकाम तक पहुँचना असंभव है।
👉 Hind24TV गर्व के साथ यह कहानी प्रस्तुत करता है — ताकि देश के हर कोने में बैठे युवा जान सकें कि:
“IAS बनो, लेकिन ज़मीन से जुड़े रहो।”

