Jaunpur News: रामपुर में फर्जी अस्पतालों का साम्राज्य: बिना डिग्री, बिना लाइसेंस चल रहा इलाज का कारोबार

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रामपुर में फर्जी अस्पतालों का साम्राज्य: बिना डिग्री, बिना लाइसेंस चल रहा इलाज का कारोबार
स्वास्थ्य विभाग बेखबर या लाचार? मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़, कमीशन के खेल ने किया व्यवस्था को बीमार
रामपुर विकासखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती साख
जौनपुर जिले के रामपुर विकासखंड में स्वास्थ्य सेवाएं अब अवैध निजी क्लीनिकों और अस्पतालों के हवाले होती जा रही हैं। हालत यह है कि गांव-गांव और कस्बों की छोटी-छोटी बाजारों में बिना किसी योग्यता और लाइसेंस के लोग डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर इलाज कर रहे हैं।
इनमें से अधिकांश के पास या तो कोई डिग्री नहीं है, या सिर्फ आयुर्वेदिक शिक्षा लेकर एलोपैथिक दवाओं का उपयोग कर रहे हैं — जो सीधा कानून और मानवता दोनों का उल्लंघन है।
ये क्लिनिक सिर्फ इलाज नहीं, ‘धंधा’ कर रहे हैं
Hind24TV की टीम ने जब रामपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले इलाकों का जायजा लिया तो सामने आया कि:
- मरीजों को भर्ती कर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है।
- फिर जब हालत बिगड़ती है तो उन्हें जौनपुर या भदोही के किसी निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।
- बदले में इन क्लीनिकों को प्रत्येक रेफर मरीज पर अच्छा खासा कमीशन मिलता है।
- इस पूरे खेल में मरीज और उसका परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से टूट जाते हैं।
इन इलाकों में फर्जी क्लीनिकों की भरमार
रामपुर, सधीरनगंज, मठिया, पचवल, सिधवन, मारिकपुर, सुरेरी, हनुमानगंज, कसेरू, सुल्तानपुर, करौंदी — इन सभी क्षेत्रों में बिना रजिस्ट्रेशन और अप्रशिक्षित लोगों द्वारा क्लीनिक चलाए जा रहे हैं। इनमें से कई जगहों पर तो घर के एक कमरे को ही अस्पताल बना दिया गया है।
सीएचसी प्रभारी ने खुद माना – “दो-तीन को छोड़ कोई भी वैध नहीं”
रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. प्रभात यादव से जब Hind24TV ने बात की तो उन्होंने खुलकर कहा:
“विकासखंड में दो-तीन को छोड़कर किसी के पास उचित मेडिकल डिग्री और क्लिनिक संचालन का लाइसेंस नहीं है। सब मनमाने ढंग से क्लिनिक चला रहे हैं। यह गंभीर विषय है।”
उनकी यह स्वीकारोक्ति कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
बिना डिग्री इलाज देना कानूनी अपराध
- क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2010 के तहत बिना लाइसेंस अस्पताल/क्लिनिक चलाना दंडनीय अपराध है।
- भारतीय चिकित्सा परिषद (NMC) और राज्य चिकित्सा परिषद के अनुसार, बिना मान्यता प्राप्त डिग्री के व्यक्ति का इलाज करना गैरकानूनी है।
- ऐसे मामलों में धारा 419, 420, 304A, 336, 269 आदि के तहत FIR और सजा हो सकती है।
जनता की मांग: स्वास्थ्य विभाग तत्काल करे कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि:
- स्वास्थ्य विभाग को तुरंत छापेमारी कर फर्जी क्लिनिकों को बंद कराना चाहिए।
- साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए कि ये क्लीनिक इतने समय से कैसे और किसके संरक्षण में चल रहे हैं।
Hind24TV की विशेष मांग:
- सभी निजी क्लिनिकों की तत्काल जांच हो।
- स्वास्थ्य विभाग पब्लिक डोमेन में सूची जारी करे कि किन-किन को लाइसेंस प्राप्त है।
- फर्जी अस्पताल संचालकों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया जाए।
आपका स्वास्थ्य, आपका अधिकार है — उसे छीनने वालों को जवाबदेह बनाना ज़रूरी है।
Hind24TV आपके साथ है — ऐसे मामलों को हम सतत उजागर करते रहेंगे।
यह रिपोर्ट Hind24TV संवाददाता द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण, जन-साक्षात्कार और स्वास्थ्य अधिकारियों से हुई बातचीत के आधार पर तैयार की गई है।