जौनपुर:मनरेगा में 42 लाख का फर्जीवाड़ा!ग्रामीणों का बड़ा आरोप, डीएम से की शिकायत
स्थान – जौनपुर, सिरकोनी | रिपोर्ट – Hind24TV डिजिटल डेस्क
“बिना काम, बिना जानकारी – उड़ाए गए 42 लाख रुपये”
जौनपुर जिले के सिरकोनी ब्लॉक अंतर्गत बिशुनपुर मझवारा गांव से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। गांव के दो जागरूक ग्रामीण फूलचंद चौबे और इंद्राज यादव ने जिला प्रशासन के समक्ष यह गंभीर आरोप लगाया है कि मनरेगा के तहत समतलीकरण और मेड़बंदी कार्य के नाम पर ग्राम प्रधान, सचिव और JE (जूनियर इंजीनियर) की मिलीभगत से 42 लाख रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया।
क्या हैं ग्रामीणों के आरोप?
ग्रामीणों का दावा है कि:
- उनके नाम और खेतों पर बिना कोई कार्य कराए, फर्जी मजदूर दिखाकर भुगतान किया गया।
- उन्हें इस घोटाले की भनक तब लगी जब गांव में मेड़बंदी के नाम पर कुछ मजदूरों को काम करते देखा, जबकि पूरा भुगतान पहले ही निकाल लिया गया था।
- जब ग्रामीणों ने सवाल उठाए, तो तत्काल दिखावे के लिए मजदूर लगाकर काम शुरू कराया गया, ताकि पूछताछ को रोका जा सके।
डीएम को सौंपा गया प्रार्थना पत्र
फूलचंद और इंद्राज ने इस घोटाले की जानकारी जिलाधिकारी को देते हुए लिखित शिकायत दी है और मामले की निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का जवाब
डीसी मनरेगा सुनील कुमार ने कहा:
“मामला मेरे संज्ञान में है। खंड विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।“
क्या कहते हैं जानकार?
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मनरेगा योजना के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बन सकता है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता और निगरानी तंत्र की स्थिति अभी भी कमजोर है।
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