भाभी से अवैध संबंध पर देवर का फूटा गुस्सा, ममेरे भाई की कर दी हत्या

भाभी से अवैध संबंध पर देवर का फूटा गुस्सा, ममेरे भाई की कर दी हत्या
मोबाइल कॉल डिटेल और कोर्ट के आदेश पर वाराणसी पुलिस ने किया सालभर पुराने मर्डर केस का खुलासा
वाराणसी: एक साल पुराने हत्या के मामले का वाराणसी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। अवैध संबंधों की आंच में जली इस वारदात में देवर ने अपनी भाभी के प्रेमी की निर्मम हत्या कर दी। मृतक युवक की लाश गंगा में बहा दी गई थी, जिसे पुलिस अब डीएनए टेस्ट से पहचानने की प्रक्रिया में जुटी है।
प्रेम में पड़े युवक की दर्दनाक मौत
चोलापुर के कटारी गांव निवासी विशाल कुमार, शीतला घाट पर स्थित एक हैंडीक्राफ्ट की दुकान में कार्यरत था। काम के दौरान उसका एक विवाहित महिला से प्रेम संबंध बन गया। दोनों के बीच का यह रिश्ता कुछ ही समय में गहराने लगा, लेकिन यह राज़ ज़्यादा दिन तक छुपा नहीं रहा।
आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े जाने पर टूटा कहर
महिला का देवर वीरू, जब इस अवैध संबंध की सच्चाई तक पहुंचा, तो उसे गहरा आघात लगा। सूत्रों के अनुसार, वीरू ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथों पकड़ लिया था। अपमान और गुस्से से भरकर उसने विशाल को सबक सिखाने की ठानी।
शराब पिलाकर गंगा किनारे ले जाकर की हत्या
3 अगस्त 2024 को वीरू ने विशाल को पांडेयपुर बुलाया। वहां से वह अपने दोस्त दिलीप के साथ उसे आशापुर ले गया। तीनों ने वहां शराब पी और फिर रामचंदीपुर घाट पर पहुंचे। नशे की हालत में वीरू और दिलीप ने विशाल को चाकुओं से गोद-गोदकर मार डाला और उसका शव गंगा में बहा दिया।
गुमशुदगी से हत्या तक का सफर
हत्या के बाद विशाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दशाश्वमेध थाने में दर्ज कराई गई। मामला लगभग एक साल तक सुलझ नहीं पाया। परिजनों को भी कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला।
5 जुलाई 2025 को कोर्ट के आदेश पर केस में एफआईआर दर्ज हुई, जिसके बाद पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल (CDR) और लोकेशन ट्रैकिंग के ज़रिए जांच तेज़ की।
कॉल डिटेल्स ने खोला राज़
CDR खंगालने पर पता चला कि विशाल की आखिरी कॉल वीरू से हुई थी। इसके अलावा वीरू की अपने भाभी से लगातार बातचीत हो रही थी। शक गहराया तो पुलिस ने वीरू को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहां वह टूट गया और जुर्म कबूल कर लिया।
गाजीपुर में मिला शव, डीएनए से पुष्टि की तैयारी
हत्या के दो दिन बाद, 5 अगस्त 2024 को, गाजीपुर में गंगा किनारे एक अज्ञात शव मिला था। शव पर वही कपड़े थे जो विशाल ने आखिरी बार पहने थे। शव की पहचान को लेकर पुलिस अब डीएनए टेस्ट करवा रही है।
दोनों आरोपी गिरफ्तार, भेजे गए जेल
एडीसीपी काशी सरवणन टी ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि वीरू और दिलीप हत्या के बाद सामान्य व्यवहार करते रहे और पुलिस को गुमराह करते रहे। लेकिन कॉल डिटेल की जांच से दोनों की साजिश का पर्दाफाश हो गया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
सवाल जो अब भी बाकी हैं
- क्या भाभी को भी हत्या की साजिश की जानकारी थी?
- क्या इस मामले में और लोग शामिल थे?
- प्रेम संबंध को लेकर समाज में जागरूकता और संवाद की कमी क्या इस तरह के अपराधों को बढ़ावा दे रही है?