फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी गिरफ्तार: यूपी समेत कई राज्यों में सरकारी ठगियों का नेटवर्क बेनकाब

फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी गिरफ्तार: यूपी समेत कई राज्यों में सरकारी ठगियों का नेटवर्क बेनकाब

लखनऊ, 3 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को एक बड़ा खुलासा हुआ जब वजीरगंज थाना पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले फर्जी अफसर सौरभ त्रिपाठी को गिरफ्तार किया। आरोपी न केवल उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में बतौर विशेष सचिव शामिल हुआ, बल्कि कई बार केंद्र सरकार का सचिव बनकर अन्य राज्यों में भी सरकारी आयोजनों में हिस्सा ले चुका है।

चेकिंग के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ा

वजीरगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार त्रिपाठी ने जानकारी दी कि रूटीन चेकिंग के दौरान कारगिल शहीद पार्क के पास एक संदिग्ध व्यक्ति पुलिस पर रौब झाड़ने की कोशिश कर रहा था। उसकी हरकतों पर संदेह होने पर जब दस्तावेजों की गहन जांच और पूछताछ की गई, तो उसके फर्जी IAS होने का भंडाफोड़ हुआ।

सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान, कई पदों का दावा

पुलिस जांच में सामने आया है कि सौरभ त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी प्रोफाइल्स बना रखी थीं। कुछ पर वह खुद को “कैबिनेट स्पेशल सेक्रेटरी, भारत सरकार” बताता था, तो कुछ प्रोफाइल्स में “सेक्रेटरी अर्बन-रूरल डेवलपमेंट यूपी” लिखा मिला। इन फर्जी पदवियों के सहारे वह लोगों को भ्रमित करता और प्रभाव जमाता था।

सरकारी कार्यक्रमों में फर्जीवाड़ा, अफसरों के साथ खिंचवाई तस्वीरें

सौरभ न केवल यूपी, बल्कि कई अन्य राज्यों के सरकारी आयोजनों में भी फर्जी पदवी के साथ शामिल हो चुका है। वह कार्यक्रमों में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर प्रचार करता और अपने रसूख का दिखावा करता था।

छह लग्जरी गाड़ियां और फर्जी पास बरामद

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सौरभ के कब्जे से डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा समेत कुल 6 लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। इन गाड़ियों पर सरकारी पास भी लगे मिले जो जांच में फर्जी पाए गए हैं। इन वाहनों और पासों का उपयोग वह खुद को सरकारी अधिकारी बताने और जनता को धोखा देने के लिए करता था।

अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सौरभ त्रिपाठी ने कई राज्यों और जिलों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी सुविधाएं प्राप्त कीं और लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे और सेवाएं ऐंठी। पुलिस अब उसके नेटवर्क, संपर्कों, और फर्जी दस्तावेजों की विस्तृत जांच में जुटी है।

तीन पते, एक पहचान – जालसाजी की मजबूत कड़ी

सौरभ त्रिपाठी का मूल निवास मऊ जिले में है। उसका स्थायी पता नियर फातिमा अस्पताल, इमलिया मऊ, बीटीसी स्कूल के सामने, थाना सराय लखन्सी दर्ज है। इसके अलावा उसका दूसरा पता ए-101, गरिमा विहार, सेक्टर-35, नोएडा, थाना सेक्टर-24 और तीसरा पता गोमतीनगर विस्तार, शालीमार वनवर्ड, ब्रिगेडियर कोट-1, लखनऊ का है। तीन अलग-अलग स्थानों पर रहने से साफ है कि वह बहुस्तरीय ठगी नेटवर्क संचालित कर रहा था।

Hind 24TV की विशेष टिप्पणी

इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और विश्वास पर भी चोट करती हैं। पुलिस की तत्परता से जहां एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, वहीं यह केस आने वाले समय में फर्जी अधिकारी गिरोह के नेटवर्क को उजागर कर सकता है।

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