मजदूरी कर पेट पालने वाले गरीब को भेजी गई 4.42 करोड़ की GST नोटिस, फर्जी फर्म के नाम पर हुआ 24.55 करोड़ का टर्नओवर
🖊 रिपोर्ट: विक्की गुप्ता | Hind24tv | जौनपुर
जौनपुर (मुंगराबादशाहपुर)।
जिले के मुंगराबादशाहपुर कस्बे के एक गरीब मजदूर को उस समय गहरा झटका लगा, जब उसे ₹4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपए की जीएसटी (GST) नोटिस थमा दी गई। मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाला रोहित कुमार सरोज खुद को निर्दोष बताते हुए अब इंसाफ की गुहार लगा रहा है।
मजदूरी कर जीवन यापन करता है पीड़ित
पीड़ित रोहित कुमार सरोज, पुत्र लक्ष्मी शंकर सरोज, निवासी धौरहरा, मुंगराबादशाहपुर, ने थाना अध्यक्ष केके सिंह को दी गई तहरीर में बताया कि वह एक साधारण मजदूर है। उसके पास कोई व्यवसाय, दुकान या कारोबार नहीं है। रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाली स्थिति है।
आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर दिया गया बड़ा फर्जीवाड़ा
पीड़ित के अनुसार, अज्ञात जालसाजों ने उसके आधार कार्ड और पैन कार्ड का ग़लत इस्तेमाल करते हुए “आर. के. ट्रेडर्स, नीभापुर” नाम से एक फर्जी फर्म रजिस्टर कर दी। इस फर्म के नाम पर वर्ष 2025-26 के जून माह में ₹24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपए का टर्नओवर दिखाया गया, और इस पर ₹4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपए का IGST चार्ज किया गया।

जीएसटी विभाग से नोटिस मिलते ही उड़े होश
30 अगस्त 2025 को राज्य कर विभाग जौनपुर एवं केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा पीड़ित को यह नोटिस भेजी गई। नोटिस में साफ लिखा है कि फर्म आर.के. ट्रेडर्स ने उक्त टर्नओवर घोषित किया है। जब रोहित के पास यह नोटिस पहुँची, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
विभागीय टीम जब जांच करने रोहित के घर पहुँची, तो उसकी आर्थिक स्थिति, रहन-सहन और पारिवारिक पृष्ठभूमि देखकर टीम ने वहां की वीडियो क्लिपिंग भी बनाई और रिकॉर्ड के लिए साथ ले गई।
थाने में दी तहरीर, न्याय की मांग
पीड़ित ने मुंगराबादशाहपुर थाने में तहरीर देकर मांग की है कि उसके दस्तावेजों के दुरुपयोग की जांच की जाए और जालसाजी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। रोहित का कहना है कि उसका इस फर्जी फर्म या व्यापार से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रशासन और सिस्टम पर उठे सवाल
इस मामले ने एक बार फिर सरकार की दस्तावेज़ीय सुरक्षा व्यवस्था और पहचान पत्रों के गलत उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे एक गरीब मजदूर के नाम पर करोड़ों का व्यापार खड़ा कर दिया गया और किसी को भनक तक नहीं लगी?
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों में यदि यह साबित हो जाए कि व्यक्ति की जानकारी के बिना उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ है, तो संबंधित विभाग कानूनी कार्रवाई कर सकता है। साथ ही, पीड़ित को राहत भी मिल सकती है, बशर्ते वह समय से शिकायत दर्ज कराए और पूरा सहयोग करे।
📌 Hind24tv आपके लिए लाता रहेगा इस खबर से जुड़ी हर अपडेट।
👉 आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी है? हमें संपर्क करें या अपनी बात भेजें हमारे पोर्टल पर।
