हिन्दी प्रसारिणी सभा, नाशिक द्वारा आयोजित भव्य रामकथा के दूसरे दिन की भावविह्वल कर देने वाली प्रस्तुति

हिन्दी प्रसारिणी सभा, नाशिक द्वारा आयोजित भव्य रामकथा के दूसरे दिन की भावविह्वल कर देने वाली प्रस्तुति
नाशिक, 13 सितम्बर: हिन्दी प्रसारिणी सभा, नाशिक के तत्वावधान में चल रही भव्य रामकथा के दूसरे दिन का आयोजन अत्यंत भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी रहा। कथा व्यास पंडिता गौरांगी गौरी जी ने जैसे ही सती वियोग का मार्मिक प्रसंग सुनाना प्रारंभ किया, पूरा पांडाल एक भाव-समुद्र में डूब गया। हर श्रोता की आँखें नम थीं और वातावरण पूरी तरह भक्ति और संवेदना से सराबोर हो गया।
शिव विवाह का उल्लास और नारद-मैना संवाद ने बाँधा समा
वहीं, जब कथा में शिव विवाह का वर्णन आया तो श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। शिव बारात के रोचक एवं मनोरंजक दृश्यों का वर्णन इतना जीवंत था कि ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं कैलाश से बारात उतरी हो। नारद-मैना संवाद ने सबको मुस्कराने पर मजबूर कर दिया। गौरांगी जी की रसपूर्ण वाणी और भावों की गहराई ने उपस्थित जनसमूह को बाँधकर रखा।
आरती में विशेष गणमान्य रहे उपस्थित
आज की दिव्य आरती में कई प्रमुख गणमान्यजनों को आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिनमें शामिल हैं:
- श्री के.सी. पांडे
- श्रीमती शशि जाधव
- श्री शिवेंद्र सिंह
- श्री के.जी. सिंह
- श्री संतोष मिश्रा
- श्री ललित सिंह
- श्री प्रहलाद सिंह
- श्री राकेश दुबे ‘काकू’
- श्री विनोद यादव
- श्री गुलाब त्रिपाठी
- श्री राकेश सिंह
- श्री सोनू गुप्ता
- श्री के. के. तिवारी
- श्री तुषार भंदुरे
- डॉ. शशांक पांडे
इन सभी विभूतियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और भी बढ़ाया।
गौरांगी जी का सारगर्भित संदेश
कथा के अंत में पंडिता गौरांगी गौरी जी ने अत्यंत चिंतनशील वाणी में समाज के लिए एक गूढ़ संदेश देते हुए कहा:
“जब तक गौमाता का बध होता रहेगा, तब तक प्रलय आता रहेगा।”
यह वाक्य न केवल श्रोताओं के हृदय को झकझोर गया, बल्कि गौ-संरक्षण के प्रति एक नई चेतना भी जागृत कर गया।