सकरा-जीतापुर संपर्क मार्ग पर अधूरी सड़क बनी ग्रामीणों की मुसीबत, राहगीरों को हो रही भारी परेशानी
ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की सुस्ती से ग्रामीणों में आक्रोश, चेतावनी—जल्द निर्माण नहीं तो होगा प्रदर्शन
जौनपुर। विकासखंड रामपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकरा को जीतापुर से जोड़ने वाली संपर्क मार्ग की बदहाली ने ग्रामीणों की परेशानी और विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मई माह में शुरू हुआ 2.5 किलोमीटर लंबा यह निर्माण कार्य जहां अधूरा पड़ा है, वहीं मार्ग पर बिछाई गई कच्ची गिट्टी आए दिन दुर्घटनाओं का सबब बन रही है। इससे नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
143.37 लाख रुपये की लागत से कृषि विपणन योजना के तहत बनाए जा रहे इस संपर्क मार्ग का शिलान्यास 30 मई 2025 को मड़ियाहूं विधायक डॉ. आर.के. पटेल ने किया था। शिलान्यास के बाद जहां ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, वहीं अब अधूरी सड़क उनके लिए रोज़मर्रा की मुश्किलों का कारण बन चुकी है।
गिट्टी पर फिसलकर गिर रहे लोग, सबसे अधिक प्रभावित महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर सिर्फ गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है। न तो डामरीकरण हुआ है और न ही कोई सुरक्षात्मक संकेत लगाए गए हैं। इस अधूरी सड़क पर फिसलकर कई लोग घायल हो चुके हैं। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को हो रही है, जिन्हें रोज इसी मार्ग से गुजरना पड़ता है।
शिकायत के बावजूद विभाग मौन, ठेकेदार नदारद
स्थानीय निवासी नागेंद्र प्रसाद यादव, अमरनाथ यादव, साधु पाल, राजबहादुर सरोज, विनय सरोज, देवचंद्र यादव, सुशील कुमार, अजय गौड़ व सुन्दरमणि गौड़ आदि ने बताया कि कई बार लोक निर्माण विभाग से शिकायत की गई, लेकिन न तो कोई अधिकारी निरीक्षण को आया और न ही ठेकेदार पर कोई कार्रवाई हुई। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों की चेतावनी—कार्य शुरू नहीं हुआ तो होगा धरना-प्रदर्शन
आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण कार्य को अविलंब शुरू कराया जाए। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि किसी की जान गई या बड़ा हादसा हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार और विभाग की होगी।
“सड़क न बनी तो अब प्रदर्शन ही अंतिम रास्ता होगा। हम प्रशासन से न्याय की उम्मीद करते हैं, लेकिन अब और इंतजार नहीं करेंगे।”
— नागेंद्र प्रसाद यादव, स्थानीय निवासी
अब देखना होगा कि जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों की इस मांग पर कब तक संज्ञान लेते हैं और अधूरी पड़ी इस सड़क का निर्माण कार्य दोबारा कब शुरू होता है।
