लग्ज़री कार से कर रहे थे पशु तस्करी, पुलिस के हत्थे चढ़े दो तस्कर
बिना नंबर की अर्टिका और दो बछड़े बरामद — पशु क्रूरता व गोवध निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज
जौनपुर (खेतासराय)।
पशु तस्करों ने पुलिस की निगरानी से बचने के लिए अब नया और हाईटेक तरीका अपना लिया है। ये तस्कर लग्ज़री कारों का इस्तेमाल कर पशुओं की तस्करी कर रहे हैं, ताकि पुलिस को शक न हो सके। बीती गुरुवार रात पुलिस ने मुख़बिर की सूचना पर खेतासराय थाना क्षेत्र के लेदरही निर्माणाधीन पुलिया के पास से बिना नंबर की एक अर्टिका कार के साथ दो पशु तस्करों को दबोच लिया। कार के अंदर से दो बछड़े बरामद किए गए, जिन्हें निर्दयता से ठूंसकर रखा गया था।
थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत क्षेत्र में पेट्रोलिंग की जा रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि खेतासराय की ओर एक संदिग्ध अर्टिका कार जा रही है। पुलिस ने वाहन को रुकने का इशारा किया तो चालक भागने लगा। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने गाड़ी को ओवरटेक कर रोक लिया।
तलाशी के दौरान गाड़ी के भीतर दो बछड़े बरामद हुए। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कासिफ उर्फ सोनू पुत्र शहाबुद्दीन निवासी सेठुआ पारा थाना खुटहन और ताज़ीम उर्फ तहज़ीम पुत्र नसीम निवासी रानीमऊ खेतासराय के रूप में हुई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपियों के खिलाफ खेतासराय, खुटहन और अन्य थानों में करीब दर्जन भर मुकदमे दर्ज हैं — जिनमें पशु क्रूरता अधिनियम, गोवध निवारण अधिनियम, आर्म्स एक्ट, हत्या का प्रयास और गैंगेस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। आरोपी तहज़ीम खेतासराय थाने का घोषित गैंगेस्टर रह चुका है।
थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कि ये तस्कर पहले लग्ज़री गाड़ियों में पशुओं को छिपाकर ले जाते हैं ताकि कोई शक न करे, और बाद में बड़े वाहनों में लादकर आगे भेज देते हैं। दोनों आरोपियों को कार और बरामद बछड़ों के साथ गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया गया है।
गिरफ्तारी टीम में – थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह, उपनिरीक्षक तारिक अंसारी, कस्बा इंचार्ज अनिल पाठक, कांस्टेबल धर्मेंद्र यादव, विनय यादव समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।
रिपोर्ट — Hind24tv खेतासराय (जौनपुर)

