UP Panchayat Chunav 2026: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर होने पर संशय, सीटों के आरक्षण पर अटकी प्रक्रिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अप्रैल या मई 2026 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपने तय समय पर होंगे या नहीं, इसको लेकर संशय की स्थिति बनती जा रही है। चुनाव की तैयारियों में सबसे अहम सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है, जबकि चुनाव की संभावित तिथि में महज़ छह महीने का समय बचा है।
ओबीसी आरक्षण आयोग के गठन में देरी
पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव पंचायती राज विभाग ने करीब तीन महीने पहले ही सरकार को भेज दिया था। लेकिन अब तक इस पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। सूत्रों के मुताबिक, जब तक यह आयोग गठित नहीं होता, तब तक सीटों का आरक्षण तय करना संभव नहीं है।
यह आयोग राज्य में पिछड़े वर्ग की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का अध्ययन करेगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। सामान्य परिस्थितियों में आयोग को यह रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम छह महीने का समय लगता है, हालांकि सरकार चाहे तो प्रक्रिया को तेज कर तीन महीने में भी रिपोर्ट ली जा सकती है।
सरकार के तर्क और संभावित विकल्प
सूत्र बताते हैं कि राज्य सरकार इस आयोग के गठन को लेकर अब दोहरे मन में है। चर्चा यह भी है कि सरकार फिलहाल आयोग का गठन न करने के विकल्प पर विचार कर रही है।
इस फैसले को केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने के निर्णय से भी जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार यह तर्क दे सकती है कि जब केंद्र की जातीय जनगणना की रिपोर्ट आ जाएगी, तब उसी के आधार पर नया आरक्षण फार्मूला तैयार किया जाएगा।
अगर ऐसा हुआ तो सरकार पुरानी व्यवस्था के तहत, शासन स्तर से ही आरक्षण तय कर सकती है।
2021 को आधार वर्ष माना जा सकता है
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2026 के पंचायत चुनावों के लिए वर्ष 2021 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण तय किए जाने की संभावना है। ऐसा होने पर ज्यादातर पंचायत सीटों का आरक्षण बदलेगा।
राज्य में पंचायत चुनावों के लिए वर्तमान आरक्षण अनुपात इस प्रकार है:
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 27 प्रतिशत
- अनुसूचित जाति (SC): 20.69 प्रतिशत
- अनुसूचित जनजाति (ST): 0.56 प्रतिशत
मंत्री बोले – तय समय पर होंगे चुनाव
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया है कि “राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपने निर्धारित समय पर ही होंगे।” उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आयोग के गठन को लेकर बातचीत करेंगे।
हालांकि, अब भी प्रशासनिक हलकों में यह आशंका बनी हुई है कि अगर आयोग के गठन और रिपोर्ट में देरी हुई, तो पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 2026 के मध्य तक खिसक सकती है।


