कानपुर में लुटेरी दुल्हन गैंग का भंडाफोड़: चौथी शादी कर दरोगा को फंसाने वाली दिव्यांशी गिरफ्तार
खातों में मिले 8 करोड़ से अधिक; कई पुलिसकर्मी भी रडार पर
कानपुर। ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा आदित्य कुमार लोचव को झूठे प्यार के जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाली कुख्यात लुटेरी दुल्हन दिव्यांशी को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। चौथी शादी के इस मामले ने पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस जांच में उसके बैंक खातों से 8 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध रकम का खुलासा हुआ है।
प्यार का जाल… नाजायज संबंध… फिर फर्जी रेप केस—यही था उसका मॉडस ऑपरेंडी
पुलिस के अनुसार दिव्यांशी पिछले कई वर्षों से
- पहले प्रेमजाल बिछाती,
- फिर नाजायज संबंध बनाती,
- उसके बाद धमकी और ब्लैकमेल,
- और अंत में फर्जी रेप या उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराकर करोड़ों रुपये ऐंठती थी।
अब तक की जांच में सामने आया है कि वह दो बैंक अधिकारियों, मेरठ के एक दरोगा और कई अन्य लोगों को इसी तरीके से शिकार बना चुकी है।
मेरठ और कानपुर के अधिकारियों से भी की शादियाँ
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दिव्यांशी ने
- पहले दो बैंक मैनेजरों से शादी,
- फिर मेरठ में तैनात एक दरोगा से शादी,
- और चौथी शादी ग्वालटोली थाने के दरोगा आदित्य कुमार लोचव से की थी।
हर शादी के बाद वह किसी न किसी आरोप और मुकदमे के जरिए पैसा उगाहती रही।
दरोगा आदित्य पर मानसिक दबाव—दो बार आत्महत्या का प्रयास
दिव्यांशी के झांसे में आकर फंसे दरोगा आदित्य कुमार ने ब्लैकमेलिंग, दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर दो बार आत्महत्या का प्रयास किया था।
मामला जब पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आया तब इसकी गहराई से जांच शुरू कराई गई।
दिव्यांशी के खातों से पुलिस अधिकारियों तक ट्रांजैक्शन
पुलिस जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है—
दिव्यांशी के खातों से दरोगा, इंस्पेक्टर और यहां तक कि सीओ स्तर के अधिकारियों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर हुए हैं।
इससे साफ है कि इस गैंग में कई पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता हो सकती है।
साइबर सेल और एसआईटी अब पूरे नेटवर्क का ऑडिट कर रही है।
गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा—गैंग एक्टिव, कई राज्यों में फैला जाल
पुलिस को शक है कि दिव्यांशी अकेली नहीं है, बल्कि उसके साथ एक पूरा संगठित गैंग काम करता है।
इससे जुड़े फोन कॉल, बैंक ट्रांजैक्शन, फर्जी दस्तावेज और अन्य सबूतों की जांच जारी है।
पुलिस जल्द ही इस गैंग से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के संकेत दे रही है।
कानपुर पुलिस ने जारी किया बयान
पुलिस अधिकारियों के अनुसार—दिव्यांशी के खिलाफ कई मामलों में गंभीर सबूत मिले हैं। उसके बैंक खातों की जांच में 8 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध रकम का पता चला है। कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है, जिसके लिए अलग से जांच बैठा दी गई है।”
पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है
पुलिस को यह भी आशंका है कि दिव्यांशी और उसके साथियों ने
कई अन्य लोगों से भी पैसों की उगाही की होगी,
जिन्हें डर या बदनामी के कारण शिकायत दर्ज करने में झिझक थी।
अब पुलिस ऐसे सभी संभावित पीड़ितों को आगे आने की अपील कर रही है।
यह मामला न केवल लुटेरी दुल्हन गैंग की परतें खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह कुछ असामाजिक तत्व
- अफसरों को,
- सरकारी कर्मचारियों को,
- यहां तक कि पुलिसकर्मियों को भी
प्यार और आरोपों के बीच फंसाकर करोड़ों की वसूली में लगे थे।
यह घटनाक्रम पुलिस विभाग की छवि पर बड़ा सवाल भी खड़ा करता है, क्योंकि कई अधिकारी इस नेटवर्क में शामिल पाए गए हैं।


