किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब ड्रोन से मात्र 5 मिनट में एक एकड़ खेत में होगा यूरिया का छिड़काव
150 रुपये तक की होगी सीधी बचत, सरकार दे रही है आधुनिक खेती को बढ़ावा
किसानों की आय बढ़ाने और कृषि कार्यों को तकनीक से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। खेती में लागत कम करने और समय की बचत के उद्देश्य से अब ड्रोन तकनीक को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत ड्रोन के माध्यम से मात्र 5 मिनट में एक एकड़ खेत में यूरिया का छिड़काव किया जा सकेगा।
ड्रोन तकनीक से किसानों को तीन बड़े फायदे
- यूरिया की बचत – ड्रोन से स्प्रे करने पर यूरिया की खपत कम होती है, जिससे किसान 150 रुपये तक की सीधी बचत कर सकते हैं।
- समय की बचत – जहां परंपरागत तरीके से एक मजदूर को एक एकड़ में स्प्रे करने में 30–40 मिनट लगते हैं, वहीं ड्रोन से यह काम 5 मिनट में पूरा हो जाता है।
- श्रमिक पर निर्भरता कम – किसानों को मजदूर मिलने की समस्या से राहत मिलेगी और काम तेज व सुरक्षित तरीके से हो सकेगा।
सरकार की बड़ी योजना – किसानों को बनाया जाएगा ड्रोन पायलट
केंद्र सरकार की मंशा है कि किसान परंपरागत तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीक को अपनाएं, ताकि उपज बढ़े और खेती की लागत घटे। इसी लक्ष्य के तहत सरकार अब किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने जा रही है।
राज्यों में नामित कृषि विज्ञान केंद्रों तथा अधिकृत प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से किसानों को ड्रोन पायलट ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरा करने वाले किसान स्वयं अपने खेतों में ड्रोन चला सकेंगे और अतिरिक्त आय के लिए अन्य किसानों के खेतों में भी सेवा दे सकेंगे।
ड्रोन तकनीक क्यों है उपयोगी?
- फसलों की पत्तियों के ऊपर और नीचे समान रूप से स्प्रे होता है।
- कीटनाशकों व उर्वरकों की मात्रा नियंत्रित रहती है।
- खेत में चलने की जरूरत नहीं होती, जिससे फसल को नुकसान नहीं पहुँचता।
- गेहूं, धान, गन्ना, दलहन, तिलहन और बागवानी फसलों पर उपयोग आसान।
PM-Kisan ड्रोन योजना से मिलेगी सब्सिडी
सरकार की PM-Kisan ड्रोन स्कीम के तहत किसान उत्पादक संगठन (FPOs), कृषि संस्थान और समूहों को सब्सिडी पर ड्रोन मुहैया कराया जा रहा है। भविष्य में व्यक्तिगत किसानों को भी योजनाबद्ध तरीके से लाभ देने की तैयारी है।
कृषि का भविष्य – तकनीक आधारित खेती
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देशभर के किसान ड्रोन, IoT आधारित उपकरण, मिट्टी परीक्षण सेंसर आदि आधुनिक साधनों का उपयोग करें। ड्रोन तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से खेती अधिक वैज्ञानिक, सुरक्षित और कम लागत वाली बनने की उम्मीद है।


