सपा कार्यालय अर्दली बाजार में लोकबंधु राजनारायण की मनायी गयी 35 वीं पुण्यतिथि ||
सपा कार्यालय अर्दली बाजार में लोकबंधु राजनारायण की मनायी गयी 35 वीं पुण्यतिथि ||
(सन्तोष कुमार सिंह)
वाराणसी :- समाजवादी पार्टी जिला/ महानगर के संयुक्त तत्वाधान में लोक बंधु राज नारायण की 35 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उनके जीवन दर्शन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि आज जिस तरह से पूरे देश में सांप्रदायिकता, अराजकता, आतंक और भय का माहौल बना है उसमें लोकबंधु राजनारायण जी के विचार और कर्म की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
विचारगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि लोकबंधु राजनारायण दलितों एवं पिछड़ों के लिए समाज में गैरबराबरी, ऊंच नीच, छुआछूत तथा सामाजिक न्याय की लड़ाई जीवनपर्यंत लड़ते रहे। राजनारायण जी ने राजनीतिक संघर्ष को जहां वैचारिक स्तर पर धारदार बनाया वहीं विचार एवं व्यवहार से कार्यकर्ताओं को जोड़े रखा। वह उन विरले नेताओं में थे जो अपने हित को ताक पर रखकर राजनीति एवं साथियों को आगे रखा।विचारगोष्ठी में उपस्थित जिला महासचिव आनंद मौर्या ने कहा कि गरीबों व मजलूमों के हक़ की लड़ाई लड़ते हुए जीवन पर्यन्त अनगिनत बार जेल जाने वाले राज नारायण थे जिनसे स्वयं लौह महिला इंदिरा गांधी भी डर गई थी। राज नारायण ने 17 साल जेल में बिताए जिसमें 3 साल आजादी से पहले एवं 14 साल आजादी के बाद।
जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने कहा कि राजनारायण जी का जन्म उस जमीदार परिवार में हुआ था जो वहां राजघराने से जुड़ा माना जाता था। उन्होंने अपने हिस्से की जमीन गरीबों को दे दी। भाइयो ने बुरा माना परंतु वह अपने फैसले से टस से मस नहीं हुए। राज नारायण जी ने इंदिरा गांधी को न सिर्फ अदालत में हराया वरन जनता की अदालत में भी हराया। कार्यक्रम के अंत मे महानगर महासचिव जितेन्द्र यादव के चाचा मदन मोहन यादव के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा व संचालन उत्तरी विधानसभा अध्यक्ष अजय चौधरी तथा धन्यवाद ज्ञापन जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने किया |
विचार गोष्ठी मुख्य रूप से सर्वश्री महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, जिला महासचिव आनंद मौर्य, जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट, महानगर अध्यक्ष महिला सभा पूजा यादव, शोभनाथ यादव, संदीप सिंह स्वर्णकार, मो0 असलम, मो0 जीशान, मानसिंह राजभर, गोपाल यादव, बालकिशुन पटेल, कारीमुल्लाह अंसारी, दुर्गा यादव, गोपाल पांडेय, होरी गुप्ता, रितेश केशरी,संजय यादव चाचू, किरण शर्मा, ऊदल पटेल, नन्हे जायसवाल, रूबी खान, रामकुमार यादव, रामसिंह राजभर, ज्योति मिश्रा, विश्वनाथ पटेल, विनोद शुक्ला, व उमेश राजभर, आँचल राघवानी, आदि लोगो ने विचार व्यक्त किये।