Jaunpur:रामपुर थाना क्षेत्र औरा गांव निवासी पूर्व आईपीएस अधिकारी का निधन, शोक की लहर

रामपुर थाना क्षेत्र औरा गांव निवासी पूर्व आईपीएस अधिकारी का निधन, शोक की लहर

रिपोर्ट-विष्णुकांत तिवारी

जौनपुर। जिले के रामपुर थाना के क्षेत्र के औंरा कायस्थान गांव निवासी पूर्व आईपीएस अधिकारी की हृदय गति रुक जाने से रविवार की रात उनके लखनऊ निवास पर निधन हो गया। निधन का समाचार मिलते ही अधिकारी समेत परिजनों शुभचिंतकों एवं मित्रों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनकी अंतिम संस्कार देहरादून स्थित आईपीएस दामाद के पहुंचने पर देर रात की जाएगी।
रामनगर विकासखंड के ग्राम सभा औंरा कायस्थान निवासी पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं राष्ट्रपति से सम्मानित शीतला प्रसाद श्रीवास्तव का लखनऊ निवास पर रविवार की रात हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। वह 75 वर्ष की थे। उनके निधन का समाचार जैसे ही अधिकारियों में मिला शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके निवास स्थान पर ताता लगा हुआ है।

दिवंगत एसपी श्रीवास्तव अपने आईपीएस कार्यकाल में पुलिस विभाग के एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे। वे कई जनपदों के एसपी और एसएसपी एवं आईजी की पद को सुशोभित किया है। महाराष्ट्र रेलवे आयुक्त, महाराष्ट्र सीबीआई ज्वाइनिंग डायरेक्टर, उत्तर प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। पुलिस महानिदेशक पद से 2013 में सेवानिवृत्ति हुए। बताया जाता है कि इनकी पोस्टिंग जिन जिलों में होती थी उसे जिले के सभी पुलिसकर्मी उनके ईमानदार और सशक्त छवि को देखते हुए सभी अधिकारी सक्रिय होकर काम करते थे। उनके परिवार में उनके छोटे भाई चंद्रशेखर श्रीवास्तव और उनकी एकमात्र पुत्री है। पुत्री की शादी आईपीएस अधिकारी के साथ हुआ है जो इस समय उत्तराखंड प्रांत में तैनात है। परिजनों की माना जाए तो दामाद के पहुंचने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार देर रात अथवा मंगलवार की सुबह किया जाएगा।

पूर्व आईपीएस अधिकारी शीतला प्रसाद श्रीवास्तव के निधन का समाचार जैसे ही औंरा गांव में पहुंचा कायस्थ परिवार में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। अपने जीवन काल में श्री श्रीवास्तव कभी भी पुश्तैनी गांव को नहीं छोड़ा। उनका लगाव औंरा गांव से हमेशा रहा करता था। पुलिस महानिदेशक रहते कई बार औंरा गांव में आकर अपने परिजनों से मिलते थे और रात भी गुजारते थे। औंरा गांव के कायस्थ परिवार निवासी पत्रकार विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि श्री शीतला प्रसाद हम लोगों के अग्रज थे और कायस्थ परिवार के गार्जियन के रूप में मार्गदर्शन करते थे आज हमने औंरा गांव की महान विभूति को खो दिया है।

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