Jaunpur:आरेस्टिंग इनकाउंटर में दोहरे हत्याकांड के तीन हत्यारोपियों को लगी गोली
आधा दर्जन बारातियों ने दो सगे भाइयों की कर दी थी निर्मम हत्या
पुलिस के सँयुक्त ऑपरेशन में सभी छः आरोपित गिरफ्तार
रिपोर्ट-मोहम्मद अरसद
खेतासराय(जौनपुर) । कस्बे में मंगलवार की बीती रात्रि खुटहन रोड पर चाउमीन की दुकान चला रहे दो सगे भाइयों की चाकू गोदकर निर्मम हत्या करने के मामले में सर्किल की चार थानो की सँयुक्त ऑपरेशन में बुधवार की भोर में पुलिस इनकाउंटर में सभी छः आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है । जिसमें तीन बदमाशों को पैर में गोली लगने से घायल हो गए । उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया । रात्रि में ही पुलिस अधीक्षक ने घटना स्थल का दौरा कर गम्भीरता से लिया था ।
विदित होकि मनेछे गांव निवासी लालचन्द्र के बेटे की बारात मंगलवार की शाम क़स्बे के भभनौटी वार्ड निवासी नाटे बिंद के यहाँ जानी थी । आरोप है कि बारात में शामिल होने जा रहे आधा दर्जन युवक शराब पीने के लिए सगे भाई अजय प्रजापति पुत्र फूलचंद्र प्रजापति 23 वर्ष व अंकित प्रजापति 20 वर्ष की चाउमीन की दुकान पर रुके । दोनो भाई और बारातियों में इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ । इस दौरान बारातियों ने उन्हें चाकुओं से गोद डाला । जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई । हादसे के बाद पुलिस के हाथपांव फूल उठे । मृतक के चचेरे भाई ईशान प्रजापति के तहरीर पर छः लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर ली ।
सीओ शाहगंज शुभम तोदी ने बताया कि हत्यारोपियों के लिए पुलिस दबिश पर निकली थी । मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसओ चन्दन रॉय, सरपतहा थानाध्यक्ष विनोद सिंह, शाहगंज प्रभारी निरीक्षक आदेश त्यागी, खुटहन एसओ अरविंद सिंह की सँयुक्त कार्यवाही में मनेछे मंदिर के पास मुठभेड़ में मुकेश बिन्द पुत्र रामसूरत, नीशू बिन्द पुत्र तीरथ बिन्द, सतीश बिन्द पुत्र अवधेश बिन्द, विवेक बिन्द पुत्र जयराम बिन्द, जगदीश उर्फ राम सिंह उर्फ जयराम बिन्द पुत्र लालता बिन्द तथा अमरजीत पुत्र हरिलाल बिन्द को गिरफ्तार कर लिया जिसमें मुकेश, नीशू और सतीश को गोली लगने से घायल हो गए ।
उन लोगों के पास से तीन तमंचा, तीन खोखा कारतूस व एक चाकू बरामद किया है ।
माँ के नही थम रहे है आँसू..
दो सगे भाइयों के लिए मंगलवार मनहूस साबित हुआ । खुटहन रोड पर चाउमीन की दुकान चला रहे अजय और अंकित अपने घर के कमाऊ सपूत थे । एक बहन और बुजर्ग हो चुके माता पिता की जिम्मेदारी को बख़ूबी निर्वहन कर रहे थे। मा का मनभावती का रोरो कर बुरा हाल है । पिता फूल चन्द्र को यकीन नही हो रहा है । बुढ़ापे के सहारे बेटे अब दुनिया में नही है । बहन कविता की शादी हो चुकी है । अब किसके सहारे इस पहाड़ भरी जिंदगी गुजारेंगे । पूरा क़स्बा शोकाकुल हो उठा । दोनो बहुत शरीफ़ बच्चे थे, फ़ास्टफ़ूड की दुकान खोलकर घर की जिम्मेदारी संभाले थे ।