Jaunpur News:मड़ियाहूं कोतवाली पुलिस हुई तानाशाह, फरियाद सुनने के बजाय गाली देकर भगाने…. पीड़ित का प्रांगण में वीडियो बनाने पर पत्रकारों से भी बदसलूकी….

मड़ियाहूं कोतवाली पुलिस हुई तानाशाह, फरियाद सुनने के बजाय गाली देकर भगाने…. पीड़ित का प्रांगण में वीडियो बनाने पर पत्रकारों से भी बदसलूकी….

जौनपुर। जिले के मड़ियाहू कोतवाली में अब पुलिस फरियादियों को सुनने के बजाय गाली देकर भगाने में शानी समझ रही है। आरोप है कि इसमें कोतवाल से लेकर हेड मोहर्रिर तक फरियादियों के साथ बुरा बर्ताव करने में जुटा हुआ है। जिसके कारण मड़ियाहूं कोतवाली राम भरोसे हो गई है।

यहां तक की मड़ियाहू कोतवाली पुलिस इतनी तानाशाह हो गई है की कोतवाली प्रांगण में अगर कोई पत्रकार फरियादियों की तकलीफें इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य वीडियो के रूप में बनाने का प्रयास करता है तो उनके साथ भी बदतमीजी की जाती है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारों को किस कानून के तहत वीडियो बनाने का अधिकार है यह भी बैठाकर पूछा जाता है।

नाजायज गांजा दुकानदार से नहीं पूछा जाता कानून

वाह रे मड़ियाहूं कोतवाल अगर इतनी बात पीड़ित फरियादियों से जानकारी कर लिया जाए तो शायद क्षेत्र में मारपीट, लूट, चोरी जैसी अपराध तुरंत रुक जाए। यही नहीं कोतवाली के ठीक सामने भांग की दुकान पर नाजायज गांजा की बिक्री धड़ल्ले से किया जा रहा है लेकिन कोतवाल साहब किस कानून के तहत नाजायज गांजा की बिक्री होती है यह पूछने शायद कभी नहीं गए होंगे। लेकिन पत्रकारों से जरूर पूछते फिर रहे हैं कि कोतवाली के प्रांगण में वीडियो किस कानून के तहत बनाया जाता है।

पीड़ित फरियादी को थाने से भगा देने में पुलिस माहिर

ताजा मामला मड़ियाहू कोतवाली क्षेत्र के मंगौरा गांव का देखने को मिला है। जहां पीड़ित को थाने से डांटकर कोतवाल साहब स्वयं भगा देते हैं वहीं मारपीट कर घायल करने वाले को कोतवाली में बैठाकर आवभगत करते हुए मुकदमा पीड़ित के ऊपर ही दर्ज करने का आरोप पीड़ित लगाते नहीं थक रहा है।

फरियादी पीड़ित ही पुलिस के लिए शांति भंग का होता है आरोपी

कोतवाल साहब यही नहीं रुकते पीड़ित को शांति भंग में चालान कर एसडीएम कोर्ट भी भेजवा देते हैं।
आईए देखते हैं मामला क्या है घटना रविवार की है जिसमें मगौरा गांव के महेंद्र सरोज पुत्र फेकूसरोज अपने आराजी नंबर 154 पर नवनिर्माण कर रहा था तभी आरोप है कि 8-10 की संख्या में जुटे उसके पड़ोसी लोग निर्माण कार्य रुकवा दिया तथा गाली गलौज देने लगे और दीवाल भी गिराकर खुद कानून को हाथ में ले लिया।

फरियादी कुछ दिन पूर्व सूचना दिया था लेकिन पुलिस नहीं लिया गंभीरता

मजे की बात यह है कि इसके पूर्व महेंद्र सरोज ने मड़ियाहूं कोतवाल विनोद कुमार मिश्रा को लिखित शिकायत देकर घटना के बाबत जानकारी भी दिया था लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा और थाने के अंदर पुलिसिया रौब से दोनों का सुलह समझौता करा दिया।
आरोप है कि जब विपक्षीगण दीवाल गिराने लगे तो पीड़ित महेंद्र सरोज ने दीवाल नहीं गिराने की बात कही लेकिन वह लोग नहीं माने और मारपीट कर लिया।

मारपीट में गर्भवती महिला पेट से थी मारपीट में उसका गर्भ भी गिर गया

इसके बाद पीड़ित महेंद्र सरोज की गर्भवती भतीजी रीना देवी जो पेट से थी वह रोकने आई आरोप है कि उसे भी पेट में जमकर मारा पीटा गया जिससे उसका गर्भ गिर गया। इस दौरान भतीजी की गले में सोने की चैन थी वह भी निकाल लिया गया। हालत गंभीर होने पर उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसके बच्चे को नहीं बचा पाये।
फरियादी को जब कोतवाल नहीं काटकर कार्यालय से निकला
बताते हैं कि उपचार के बाद सोमवार को महेंद्र सरोज जब अस्पताल से लौटा तो मड़ियाहूं कोतवाल विनोद कुमार मिश्रा के पास पहुंचकर अपने साथ हुए घटना की जानकारी दिया। लेकिन कोतवाल ने पीड़ित की बातों पर कोई विश्वास नहीं किया और न ही रहमदिली दिखाई उल्टे कड़ाई से थाने से निकल जाने की बात कही। बताते है कि जब वह बाहर निकल रहा था तो पीड़ित कोतवाल से कहा कि मैं एसपी साहब के पास जाऊंगा तो वहां बैठे हेडमोहर्रिर और दो पुलिसकर्मियों ने उसे पीछे से कालर पकड़ कर घसीटते हुए अंदर ले गए और शांति भंग में चालान मड़ियाहू उपजिलाधिकारी के कोर्ट में भेज दिया जहां से देर रात मुचलका पर पीड़ित छुटा। उसके बाद आरोप है कि गुस्साएं कोतवाल ने पीड़ित के ऊपर उसके विपक्षियों की तरफ से मुकदमा भी लिख दिया। अब पीड़ित न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।

जब इस संबंध में कोतवाल विनोद मिश्रा से मौखिक जानकारी चाहिए तो उन्होंने कहा कि शांति भंग में चालान हो चुका है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां फरियादियों और पत्रकारों के साथ थाने के अंदर सहानिभूति दिखाने और उनकी पीड़ा को जानने के लिए महिला हेल्प डेस्क से लेकर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने की बात कर रहे है वही मड़ियाहूं कोतवाल और उनकी पुलिस कभी पत्रकारों के साथ तो कभी पीड़ितों के साथ बदसलूकी करते हुए देखे जा रहे है।

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