जौनपुर: मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा लगाए गए इंजेक्शन से बालक की मौत, आक्रोशित भीड़ ने की तोड़फोड़ और आगजनी
जौनपुर, तेजीबाजार , 9 अक्टूबर: जिले के तेजीबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत हैदरपुर बाजार में गुरुवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के कुछ ही देर बाद एक 8 वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव निवासी शिवपूजन यादव के पुत्र युग यादव के रूप में हुई है। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया, जिससे क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
पेट दर्द की शिकायत पर पहुंचे थे बाजार
जानकारी के अनुसार, युग यादव को पेट दर्द की शिकायत थी, जिस पर उसके परिजन उसे गुरुवार शाम करीब 6 बजे स्थानीय देवी मेडिकल स्टोर पर ले गए। वहां मौजूद संचालक ने प्राथमिक उपचार के तहत युग को एक इंजेक्शन लगाया। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों के भीतर युग की हालत बिगड़ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बाजार में मचा कोहराम, शव रखकर किया सड़क जाम
बालक की मौत की खबर फैलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। देखते ही देखते गांव और आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने बालक के शव को बक्शा-तेजीबाजार-लोहिंदा मुख्य मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया और न्याय की मांग करने लगे।
मेडिकल स्टोर में तोड़फोड़, घर में लगाई आग
वहीं, कुछ उत्तेजित लोगों ने देवी मेडिकल स्टोर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और संचालक के आवास के पीछे खड़ी कार और बाइक को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद भीड़ ने संचालक के घर में भी आग लगा दी, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस फोर्स तैनात, अधिकारी मौके पर मौजूद
घटना की सूचना मिलते ही तेजीबाजार थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीओ सदर परमानन्द कुशवाहा को भी जानकारी दी गई। कुछ ही देर में बक्शा, बदलापुर, सिकरारा और अन्य थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया गया।
पूर्व सांसद पहुंचे मौके पर, परिजनों को समझाने की कोशिश
घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने के साथ ही आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास करते नजर आए।
परिजनों की मांग: हो कड़ी कार्यवाही
मृतक के परिजनों का कहना है कि मेडिकल स्टोर संचालक झोलाछाप डॉक्टर की तरह इलाज कर रहा था, जिसकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ। परिजनों ने दोषी संचालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
प्रशासन की सख्ती, जाँच के आदेश
पुलिस प्रशासन ने फिलहाल स्थिति पर काबू पा लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मेडिकल स्टोर संचालक की भूमिका की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।
यह घटना ना केवल प्रशासन के लिए चुनौती बनकर सामने आई है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि झोलाछाप चिकित्सा पद्धति ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। मृतक बालक के परिवार को न्याय दिलाने की मांग के साथ-साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाना अब समय की मांग है।
