Success Story: किसान का बेटा बना कलेक्टर, प्रेम कुमार ने क्रैक किया UPSC,क्षेत्र में खुशी की लहर

Success Story: किसान का बेटा बना कलेक्टर, प्रेम कुमार ने क्रैक किया UPSC,क्षेत्र में खुशी की लहर
औरंगाबाद: पिता की साधारण हैसियत। माता गृहणी। परिवार भी कोई बड़ा और पैसे वाला नहीं। मन के अंदर मेहनत करने का जज्बा और जुनून ने एक शख्स को उस कुर्सी तक पहुंचा दिया, जहां पहुंचने का सपना उसके पिता ने देखा था। औरंगाबाद के दाउदनगर के जम्महारा निवासी डॉक्टर प्रेम कुमार अब कलेक्टर बन गए हैं। डॉक्टर साहब को अब लोग कलेक्टर साहब बुलाने लगे हैं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 130 वां रैंक लाया है। उनकी इस सफलता पर पूरा जिला गौरवान्वित है,खुशी की लहर है।
किसान के बेटे हैं प्रेम कुमार
प्रेम के पिता रविन्द्र कुमार चौधरी एक किसान हैं जबकि उनकी माता रीता देवी एक गृहणी हैं। बड़ी ही लगन और मेहनत के साथ इन्होंने अपने बेटे को पढ़ाया लिखाया और डॉक्टर बनाया। मगर प्रेम का जुनून कुछ और ही था। उसे भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनना था। उसने एम्स में बतौर चिकित्सक की नौकरी से इस्तीफा देकर इसकी तैयारी करनी शुरू की। हालांकि, पिछले तीन प्रयासों में प्रेम को असफलता हाथ लगी। लेकिन चौथे प्रयास में प्रेम ने सफलता अर्जित कर ली। अब ये कलेक्टर रहते हुए भी डॉक्टर की योग्यता का प्रयोग लोगों की सेवा के लिए करेंगे।