फर्जी अंकपत्र से शिक्षक बने 22 सहायक अध्यापक बर्खास्त, वेतन वसूली और एफआईआर के आदेश
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ मंडल से शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। फर्जी मार्कशीट के आधार पर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किए गए 22 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक, उत्तर प्रदेश के आदेश पर की गई है।
📌 जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
विभागीय जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन सभी शिक्षकों ने कूट रचित अंकपत्रों के माध्यम से नौकरी प्राप्त की थी। सभी शिक्षक माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।
🎯 ये आदेश दिए गए हैं:
- सभी शिक्षकों की नौकरी समाप्त करते हुए तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।
- अब तक मिले वेतन की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- स्थानीय थानों में एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
🔎 भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस घटना ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की भर्ती प्रक्रिया और दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कैसे इतने बड़े स्तर पर फर्जी प्रमाणपत्र स्वीकार कर लिए गए — यह चिंता का विषय है।
🗨️ शिक्षा विभाग का संदेश स्पष्ट
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़ा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब आगे ऐसी सभी नियुक्तियों की गहन जांच की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
📚 Hind24tv का विश्लेषण:
शिक्षा के मंदिर में बैठे गुरुओं की ओर से अगर धोखाधड़ी की तस्वीर सामने आती है, तो यह न केवल बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है, बल्कि समाज की जड़ों को भी कमजोर करने वाला है। यह कार्रवाई ऐसे तत्वों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब झूठ और फर्जीवाड़े पर आधारित नियुक्तियों की कोई जगह नहीं।
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