UP : शाहजहांपुर का नियामतपुर: हाईटेक गांव की मिसाल, 37 साल से एक ही परिवार संभाल रहा ग्राम पंचायत की बागडोर

शाहजहांपुर का नियामतपुर: हाईटेक गांव की मिसाल, 37 साल से एक ही परिवार संभाल रहा ग्राम पंचायत की बागडोर

शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश – जिले के नियामतपुर गांव ने विकास की ऐसी मिसाल पेश की है, जो न केवल आसपास के गांवों बल्कि शहरी क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है। शहर जैसी सुविधाओं से लैस इस गांव की सबसे खास बात यह है कि यहां बीते 37 वर्षों से एक ही परिवार का सदस्य ग्राम प्रधान चुना जा रहा है, और यही नहीं, इस परिवार के तीन सदस्य अब तक जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

गांव में शहर जैसी सुविधाएं

नियामतपुर में कदम रखते ही चौड़ी सड़कों और हरियाली से स्वागत होता है। गांव की सभी गलियां इंटरलॉकिंग टाइल्स से बनी हैं — कोई भी गली कच्ची नहीं है। आधुनिकता की ओर बढ़ते इस गांव में सेल्फी प्वाइंट, व्यायामशाला और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं ग्रामीणों को शहर का अनुभव देती हैं।

यहां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र, एआरटीओ कार्यालय, और बैंक ऑफ बड़ौदा का प्रशिक्षण केंद्र सिर्फ गांव ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के लोगों को आकर्षित करता है। इसके अलावा, गांव में इंग्लिश और हिंदी मीडियम का इंटर कॉलेज और कई मंदिर भी मौजूद हैं, जो इसकी सांस्कृतिक और शैक्षिक समृद्धि को दर्शाते हैं।

1988 से शुरू हुई विकास यात्रा

वर्ष 1988 में वीरेंद्र पाल सिंह यादव को गांव का प्रधान चुना गया था — वह भी निर्विरोध। उस समय गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। वीरेंद्र पाल सिंह ने गांव की तकदीर बदलने की ठानी। 1999 में उन्होंने ग्रामीणों के साथ श्रमदान कर नियामतपुर से पुवायां रोड तक कच्ची सड़क बनाई। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने वहां डामर की सड़क बना दी।

उन्होंने ग्राम सभा की जमीन भारत सरकार को कृषि विज्ञान केंद्र के लिए दी, जिससे आज भी हजारों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक पहुंचा नेतृत्व

वीरेंद्र पाल सिंह के बाद उनकी पत्नी लज्जावती देवी दो बार ग्राम प्रधान रहीं। फिर उनकी बहू ममता यादव निर्विरोध प्रधान चुनी गईं। अब उनके छोटे बेटे अभय प्रताप सिंह वर्तमान ग्राम प्रधान हैं।

यह सिलसिला यहीं नहीं थमा — यह परिवार जिला पंचायत तक पहुंचा।

  • 2000 में वीरेंद्र पाल सिंह यादव,
  • 2016 में उनका बड़ा बेटा अजय प्रताप सिंह यादव,
  • और अब 2021 से ममता यादव जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।

“मिनी सैफई” बनाने का सपना

पूर्व प्रधान वीरेंद्र पाल सिंह यादव का सपना है कि नियामतपुर को मिनी सैफई के रूप में विकसित किया जाए। वह निरंतर विकास कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका मानना है कि गांव का असली विकास तभी होता है जब नेतृत्व सेवा भाव से किया जाए।

वहीं ममता यादव ने बताया कि उन्होंने 2008 से 2021 तक ग्राम प्रधान रहते हुए कई मूलभूत कार्य करवाए। अब जिला पंचायत अध्यक्ष के तौर पर वे पूरे जिले में विकास की गति तेज कर रही हैं।

निष्कर्ष

नियामतपुर गांव आज जिस मुकाम पर है, वह सुनियोजित नेतृत्व, जनसंपर्क और सेवा भाव का परिणाम है। यह गांव साबित करता है कि जब नेतृत्व दूरदर्शी हो और जनहित सर्वोपरि हो, तो गांव भी शहरों से आगे निकल सकते हैं।

 

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Translate »
error: Content is protected !!
Coronavirus Update