अचानक हार्ट अटैक की चपेट में क्यों आ रहे लोग? जानिये क्या कहते हैं डॉक्टर

देश में कार्डियेक अरेस्ट के बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. हाल ही में मशहूर गायक केके, बिग बॉस फेम एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का कार्डियेक अरेस्ट के चलते दुखद निधन रहा हो या फिर एक्टर इंद्र कुमार का मामला, तमाम सेलिब्रिटीज के साथ आज आम लोगों में भी कार्डियेक अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं. भारत में बीते सालों में हार्ट अटैक या कार्डियेक अरेस्ट के चलते मरने वालों की संख्या में भारी संख्या में इजाफा हुआ है. कई बार तो ऐसा देखा गया है कि अच्छे खासे सेहतमंद दिखने वाले लोग भी अचानक हार्ट अटैक का शिकार बनकर असमय काल का ग्रास बन गए.

देश में हार्ट अटैक के बढ़ते हुए मामलों पर मैक्स अस्पताल दिल्ली के डायरेक्टर डॉ Da.manoj kumar  का कहना है कि भारत में वेस्टर्न देशों की तुलना में पांच गुना और मंगोलियन देशों की तुलना में दस गुना अधिक हार्ट अटैक के मामले सामने आते हैं. डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि चिंता की बात ये है कि भारत में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले कम उम्र में ही देखने को मिल रहे हैं. युवाओं में जंक फूड, स्मोकिंग और शराब का सेवन भी इसकी बड़ी वजह है.

 Da manoj kumar  के मुताबिक, असंतुलित लाइफ स्टाइल और बिगड़ा डेली रुटीन एवं असंतुलित भोजन हार्ट को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं. मेट्रो सिटीज के साथ ही देश के बड़े शहरों में जिस तरह से लाइफ स्टाइल का बिगड़ा हुआ स्वरूप दिखाई दे रहा है उसने कम उम्र में ही युवाओं के अंदर दिल की बीमारी को दस्तक दी है. कामकाज के दबाव और बढ़ते स्ट्रेस के बीच लोग निजी और प्रोफेशनल जीवन के बीच बैलेंस नहीं बना पा रहे हैं. ना ही युवा संतुलित आहार ले रहे हैं और न ही उनके पास वर्कआउट के लिए वक्त है. और एक से दो किलोमीटर की सामान्य वॉक के लिए भी उनके पास समय का अभाव है.

हार्ट के लिए सम्पर्क करे डा  . मनोज कुमार 

 1983  से 2022  के बीच हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का एक बड़ा आंकड़ा है. यही नहीं तंबाकू, गुटखा, खैनी के सेवन के साथ ही सिगरेट पीने की लत भी हार्ट से जुड़ी बीमारियों के शुरू होने की एक बड़ी वजह है, इसलिए अगर हार्ट की बीमारियों को खुद से दूर रखना है तो इन सारी बुरी लतों से तौबा करना ही मुफीद साबित होगा.

इसके साथ ही कॉरपोरेट कल्चर के इस युग में शिफ्ट ड्यूटीज के दौर में युवा घंटों   सीट पर बैठे रहते हैं. इस दौरान कम मूवमेंट की आदत और नाइट शिफ्ट के चलते नींद पूरी न होना भी दिल की सेहत के लिए बेहद घातक है. शहरीकरण के इस दौर में सोशल सपोर्ट सिस्टम एकदम खत्म होता जा रहा है. गलाकाट कंपटीशन के इस दौर में मानसिक और आर्थिक दबावों के बीच बेहद जल्द सफल होने की जिद भी युवाओं को समय से पहले बीमार कर रही है. 

पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन और तले भुने जंक फूड से कोलेस्ट्राल के डिस्टर्ब हो जाने के चलते सेचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है और हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली नसें सिकुड़ने की वजह से क्लाटिंग होने के चलते हार्ट अटैक का खतरा बेहद बढ़ जाता है.

Da manoj kumar  कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के परिवार में आनुवाशिंक रूप से हार्ट के मरीज हैं तो ऐसे व्यक्ति में हार्ट की बीमारी होने का खतरा एक अन्य व्यक्ति की तुलना में कई गुना अधिक बढ़  जाता है, इसलिए ऐसे व्यक्ति जिसके पिता, दादा, मामा या नाना को दिल की बीमारी रही हो उन्हें बेहद अपने दिल के प्रति बेहद सावधान रहना चाहिए. 

 कहते हैं कि अनियंत्रित लाइफस्टाइल, शराब का अधिक सेवन हार्ट की बीमारियों की एक बड़ी वजह बन रहा है. जहां एक तरफ डॉ. मनोज कुमार वर्क आउट के लिए समय न निकाल पाने को हार्ट की बीमारियों की एक बड़ी वजह मानते हैं तो वहीं उनका कहना है कि एक सीमा से अधिक वर्क आउट भी हार्ट अटैक की बड़ी वजह बन रहा है. कई बार लोग अधिक फिट रहने और जीरो फीगर की चाहत में एक सीमा से भी अधिक वर्क आउट करते हैं जिसके चलते हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

Da manoj kumar  का कहना  है कि कई बार लोग दोस्ती या ग्रुप में खुद को एडजस्ट करने के लिए भी ग्रुप स्मोकिंग और ग्रुप में शराब पीने के आदी हो जाते हैं. धीरे-धीरे शराब और सिगरेट की आदत हार्ट की बीमारियों को बढ़ावा देती है. डॉ. मनोज कहते हैं कि सामान्य रूप से हर व्यक्ति को अपना कंपलीट ब्लड काउंड (सी बी सी ), किडनी फंक्शन टेस्ट  (के  एफ टी ), सी रिएक्टिव प्रोटीन (सी आर पी ) समेत अन्य ब्लड टेस्ट समय समय पर कराते रहना चाहिए.

 

इसके साथ ही जिन लोगों को डायबटीज या ब्लड प्रेशर की बीमारी है, ऐसे लोगों को भी हार्ट की बीमारी के प्रति सचेत रहने की बेहद आवश्यकता है. हायपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों और हाई डायबटीज के मरीजों को समय समय पर अपना ब्लड प्रेशर और डायबटीज की जांच करवाते रहना चाहिए और अपने डॉक्टर से समय समय पर कंसल्ट करते रहना चाहिए.

हार्ट का  लक्षण = 

हार्ट अटैक का सबसे प्रारंभिक लक्षण है सीने में दर्द होना. अगर आपको अक्सर सीने में दर्द रहता है तो इसके प्रति लापरवाही  नही   करना चाहिए . सीने में दर्द भी हार्ट अटैक के लक्षणों की शुरुआत हो सकता है. अगर आपको चलते  फिरते बहुत तेज पसीना आप के सरीर में पसीना हो तो घबराना चाहिए और घबराहट महसूस होने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ महूसस हो तो लापरवाही बिल्कुल भी न बरतें. साथ ही कुछ मरीजों में अगर गैस बनने जैसी फीलिंग भी बार बार आ रही है तो इसे सामान्य गैस समझ इलाज में कोताही न करें. अगर आपको बिना किसी मेहनत या काम के भी थकान महसूस होती है तो ये भी दिल की बीमारी का लक्षण है.

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