अजब-गजब:दुनियां का वो रहस्यमयी किला, जिसकी दीवार से टपकता है खून, रात के अंधेरे में सुनाई देती है रोने की आवाज

अजब-गजब:दुनियां का वो रहस्यमयी किला, जिसकी दीवार से टपकता है खून,

रात के अंधेरे में सुनाई देती है रोने की आवाज

मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित सबलगढ़ किले में रात के समय तो दूर, लोग दिन में भी जाने से डरते हैं. इस किले का क्या है रहस्य? क्यों आती हैं यहां से रोने की आवाज? दीवार से खून टपकने की हकीकत क्या है? आइए जानते हैं…….

मुरैना-मध्य प्रदेश:हिंदी का एक मुहावरा ‘खून के आंसू रोना’ तो आपने सुना ही होगा. बेबसी को बयां करने के लिए यह मुहावरा अक्सर इस्तेमाल किया जाता है. मगर क्या कभी आपने सुना है कि किसी महल या किले की दीवार खून के आंसू रोती हो? रात के समय किले से आने वाली रहस्यमय आवाजों से दूर-दराज के इलाकों तक के लोग सिहर जाते हों? मध्य प्रदेश में एक ऐसा ही किला है, जिसके बारे में इतनी दंतकथाएं प्रचलित हैं कि उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

एमपी के मुरैना जिले में स्थित सबलगढ़ के किले की ऐसी ही रहस्यमयी बातें आपको हैरान कर देंगी. इस किले के रहस्यों के पीछे कौन सी कहानी छुपी है, आइए इस बारे में जानते हैं

17वीं शताब्दी में बना सबलगढ़ किला अपने भीतर कई ऐतिहासिक तथ्य समेटे है

इस किले ने कई राजाओं-महाराजाओं के तख्त और ताजों को आसमान चूमते और फिर मिट्टी में मिलते हुए देखा है. लगभग 4 सदी पुराना यह किला आज भी शान से सिर उठाए खड़ा है, मगर अफसोस की बात यह है कि इस ऐतिहासिक धरोहर को आस-पास के लोग इसे गर्व से नहीं, बल्कि खौफ से देखते हैं. इसके बारे में प्रचलित कहानियां ऐसी हैं कि साहसी इंसानों के भी पसीने छूट जाएं.

सबलगढ़ किले में जाने से दिन में भी लगता है डर

स्थानीय लोगों का दावा है कि इस किले की एक दीवार से खून टपकता है. यानी यहां पत्थर भी खून के आंसू रोते हैं. किले के आस-पास के इलाके में रहने वालों को रात के वक्त यहां से रोने की आवाजे सुनाई देती हैं. आपको बता दें कि सबलगढ़ का किला कभी चंदेल राजाओं के अधीन रहा, तो कभी इस पर गुप्त, मौर्य और कुषाण शासकों ने राज किया. वास्तुकला और शिल्पकला के शानदार नमूने के तौर पर इसकी विशालता और सुंदरता देखकर आज भी लोग हैरान रह जाते हैं. मगर किले से जुड़ी कहानियां इसके ऊपर ऐसी चस्पा हो चुकी हैं कि रात में तो दूर, लोग दिन के समय भी इस किले में जाने से लोग डरते हैं.

किले की तरफ कोई नहीं जाता

स्थानीय बुजुर्ग इस किले के इतिहास के बारे में बताते हैं कि कभी यहां राजा और रानी अपने पूरे कुनबे के साथ रहा करते थे. किले के भीतर हर समय रौनक और चहल-पहल रहा करती थी. मगर आज की तारीख में यह किला वीरान पड़ा है. किले को लेकर खौफ इस कदर पसरा है की टीम ने जब गांव के लोगों को अपने साथ इस किले में चलने को कहा, तो सभी ने मना कर दिया. मगर हमारी टीम किले तक पहुंची, जहां इसकी देख-रेख करने वाला चौकीदार मिला.

दीवार नहीं, पत्थर से टपकता है खून

किले के चौकीदार ने बताया कि इस किले में एक पत्थर है, जो खून के आंसू रोता है. कहानी है कि इस किले के राजा के बेटे की उसके दुश्मनों ने दीवार पर सिर मार-मारकर हत्या कर दी थी. तभी से उस पत्थर से खून टपक रहा है. गांव के बुजुर्गों ने अपनी आंखों से उस दीवार से खून के आंसू निकलते देखे भी हैं. गांववाले मानते हैं कि राजा के बेटे की रूह को मुक्ति नहीं मिली, इसलिए दीवार से आज भी खून निकलता है।

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