आधुनिक कृषि – खेती के लिए वरदान साबित होगी ड्रोन तकनीक
नई दिल्ली – कृषि कार्य करने वाले कुशल व्यक्तियों की कमी के साथ ही समय पर सुरक्षित तरीके से काम करने की आवश्यकता की पूर्ति को अब ड्रोन तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यह बातें राजा दिनेश सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र कालाकांकर में किसानों के बीच चेन्नई में विकसित ड्रोन स्प्रेयर का प्रदर्शन करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके श्रीवास्तव ने कही।
उन्होंने कहा कि यह तकनीक कृषि के हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहा खेती खुले आसमान के नीचे किया जाने वाला कार्य है। जिससे सभी मौसम में कभी बीमारी, कभी कीटों के हमले की आशंका बनी रहती है।
इस समय आवारा पशु भी खेती को बरबाद करने में लगे हैं। जिससे खेती के क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता बढ़ जाती है।
फसल वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार सिंह ने कहा कृषि में ड्रोन की उपयोगिता महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग उवर्रक, पोषक तत्वों, कीटनाशकों आदि की मात्रा में कमी लाएगा। ड्रोन की सहायता से 10 ली. घोल का छिड़काव 20 मिनट में 600 रुपये प्रति एकड़ की दर से किया जा सकता है।
ड्रोन की मदद से फसल की लागत कम और उत्पादन अधिक होगा। इस मौके पर डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ.नवीन कुमार, डॉ.रणजीत सिंह, यतेन्द्र कुमार, भाष्कर शुक्ला, स्वाती दीपक दूबे, अवधेश कुमार सिंह, डॉ. अमित बरनवाल, महेन्द्र प्रताप सिंह, यतीन्द्र कुमार, विनोद आदि मौजूद रहे।