आशनाई के चक्कर मे रामकैलाश यादव की हुई थी सिर काटकर हत्या, मृतक रामकैलाश करता था ओझाई,रामपुर पुलिस ने हत्या का किया पर्दाफाश

आशनाई के चक्कर मे रामकैलाश यादव की हुई थी सिर काटकर हत्या, मृतक रामकैलाश करता था ओझाई,रामपुर पुलिस ने हत्या का किया पर्दाफाश

जौनपुर। रामपुर थाना क्षेत्र के गंधौना गांव में 10 दिन पूर्व एक युवक की धड़ से सिर अलग हुआ शव तालाब के झाड़ी में बरामद हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोमवार को घटना का अनावरण करते हुए गिरफ्तार तीन आरोपियों का विभिन्न धाराओं में चालान कर न्यायालय भेज दिया। जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया है।

मृतक राम कैलाश यादव ओझाई का कार्य करता था

घटना के संबंध में पुलिस की माना जाए तो रामपुर थाना क्षेत्र के सेहरा कठार निवासी राम कैलाश यादव ओझाई का कार्य करता था। ओझाई के चक्कर में अपने घर से हफ्तों हफ्तों बाहर ही रहता था। ओझाई को लेकर ही जमालापुर चौकी अंतर्गत गंधौना मनापुर गांव निवासी विपिन गौतम पुत्र किशोरीलाल गौतम के संपर्क में आया। जिसके बाद धीरे-धीरे राम कैलाश यादव एवं विपिन के बीच दोस्ती गहरा गया और घर आने जाने लगा। जिसके बाद राम कैलाश आए दिन विपिन के घर पर ही आकर रहने लगा।

परिजनों के बीच अंतरंग संबंध होने के चलते राम कैलाश यादव की हुई हत्या

पुलिस सूत्रों की माना जाए तो इसी बीच उसका अंतरंग संबंध बिपिन के परिवार के अविवाहित लोगों से हो गया। इस बात की भनक जब विपिन गौतम को लगी तो उसे नागवार गुजरी और राम कैलाश गौतम को रास्ते से हटाने के लिए ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया।

दावत के बहाने उसके दोस्त ने घर बुलाया और गर्दन काट कर दी हत्या

बताया जाता है कि विपिन गौतम ने राम कैलाश को सात जुलाई को अपने घर बुलाया। दावत खिलाने के बहाने रात में उसे रोक लिया। दावत खाने के लिए मोनू गौतम उर्फ लालजी गौतम निवासी गंधौना मनापुर एवं मुन्ना मिश्रा उर्फ संतोष मिश्रा पुत्र बाबा मिश्रा उर्फ हरिवंश मिश्रा निवासी औंरा थाना रामपुर को भी बुला लिया। इसी रात बताया जाता है कि मोनू गौतम राम कैलाश को रास्ते से हटाने के लिए योजना तैयार किया और रास्ते से हटाने के लिए अपने दोनों मित्रों को तैयार कर लिया।
सूत्र बताते है कि रात में ही तीनों ने मिलकर राम कैलाश की बेरहमी से पिटाई करने के बाद गड़ासे से उसका सिर धड़ से अलग कर हत्या कर दिया और सिर को आग में भून डाला। उसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सही समय की तलाश करने लगे। लेकिन आसपास बस्ती होने के कारण शव को ठिकाने नहीं लगा पाए।

शव से दुर्गंध उठने के कारण हत्यारों ने धड़ को झाड़ी में फेंका

जिसके कारण अनुमान लगाया जाता है कि कई दिनों तक राम कैलाश के शव को घर के ही अंदर रखा गया। जब शव से दुर्गंध उठने लगी तो 10 जुलाई की रात में मृतक राम कैलाश के शव को गंधौना मनापुर तालाब की झाड़ी में ले जाकर फेंक दिया गया और उसके भुने हुए सिर को घटनास्थल से करीब 200 मीटर दूर एक खेत में गाड़ दिया गया। 13 जुलाई को जब शव से तेजी के साथ दुर्गंध उठने लगा तो शौच गए ग्रामीणों को घटना का पता चला। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने शव की पहचान कराना चाहा लेकिन मृतक युवक की पहचान सिर नहीं होने से नहीं हो सकी। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस रखवा दिया।

मृतक राम कैलाश यादव की बेटी ने किया पिता की पहचान

इधर राम कैलाश यादव के घर नहीं पहुंचने से उसकी परिजन चिंतित होने लगे। अमूमन राम कैलाश हफ्तों तक गायब रहने के कारण उनकी एक बेटी उनके मित्र विपिन गौतम के फोन कर संपर्क किया तो बताया जाता है कि विपिन ने फोन पर बताया कि उसके पिता की एक्सीडेंट हो गया है वह बेहोश है इलाज चल रहा है। 14 जुलाई को जब सिर धड़ से अलग होने का समाचार सोशल मीडिया से लेकर अखबारों में प्रकाशित हुआ तो राम कैलाश के परिजन दो दिन बाद थाने पर पहुंचे और कपड़े को देखकर अपने पिता के होने की आशंका व्यक्त किया। जिसके बाद रामपुर थानाध्यक्ष चंदन कुमार राय ने मोर्चरी हाउस ले जाकर पहचान कराया। तब बेटी ने पिता होने का शिनाख्त किया।

पिता के हत्या की सुराग बेटी ने ही पुलिस को दिया

बताया जाता है कि पहचान होने के बाद बेटियों ने ही पुलिस को विपिन द्वारा फोन पर घटना करने की बात की जानकारी दिया और जिस मोबाइल पर उनकी बातचीत हुई थी उस मोबाइल नंबर को भी दिया। सर्विलांस पर लगाने के बाद पुलिस ने मोबाइल के लोकेशन को गंधौना में ही पाया।

डॉग स्क्वायड टीम ने खेत से सिर किया था बरामद

शव पाएं जाने के दो दिन बाद जनपद से डाग स्क्वायड की टीम को दोबारा बुलाया गया। बताया जाता है कि डाग स्क्वायड ने हीं सर्वप्रथम विपिन के घर ही पहुंचकर हत्या वाले कमरे से निकलकर सीधे जहां धड़ और सिर था वहां पहुंचा था और खेत से पुलिस ने मृतक के सिर को बरामद किया।

पूछताछ के लिए जब थाने पर बुलाया गया तो हत्यारोपी लगे भागने

सिर मिलने के बाद धीरे-धीरे पुलिस का शक पुख्ता होता गया और घटना की खुलासे के लिए एक-एक कर पूछताछ के लिए कई लोगों को थाने बुलवाया। जिसके बाद आशंका है कि पुलिस की कार्रवाई का पता विपिन गौतम को लगा तो वह पहले अपने मोबाइल फोन को ही हटा देने का निर्णय लिया और विपिन गौतम ने सर्विलांस से बचने के लिए मोबाइल को एक बस में रख आया उसके बाद जब पुलिस सर्विलांस पर अंतिम बार लगाई तो उसका लोकेशन गोरखपुर में मिला जिसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। यहां पुलिस का शक विपिन के ऊपर और पुख्ता हो गया।

मुखबिर की सूचना पर मुख्य आरोपी विपिन गौतम हुआ गिरफ्तार

इसी बीच थानाध्यक्ष चंदन कुमार राय को मुखबिर से सूचना मिली की विपिन गौतम अपने साथियों के साथ फरार होने वाला है जिसके बाद पुलिस ने अपना जाल बिछाते हुए मोनू गौतम एवं मुन्ना मिश्रा को गिरफ्तार कर सोमवार को विपिन गौतम को थाना क्षेत्र के प्रानपुर मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गड़ासे को भी उसके घर से बरामद कर तीनों हत्यारोंपियो का चालान न्यायालय भेज दिया। जहां से देर शाम उन तीनों को जेल भेज दिया गया।

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