कंधे पर बाप गया शव तो प्रयागराज स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, 4 एंबुलेस शव वाहन चलाने के लिए सिर्फ एक ड्राइवर
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की बानगी कुछ इस प्रकार की देखने को मिली। अस्पताल में चार एंबुलेंस और एक शव वाहन है। लेकिन इसे चलाने के लिए एक ही चालक नियुक्त है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर सभी मरीजों या तीमारदारों को एक साथ सुविधा मिल सके टेढी खीर साबित होगी। एम्बुलेंस चालक राजाराम भी बडे बेबाकी से बोले की एक एक ही वाहन तो चलायेंगे।
बता दे एम्बुलेंस न मिलने पर पिता बजरंगी यादव को कंधे में बेटे के शव को घर तक ले जाना पडा था। मामले की जांच गठित कमेटी कर रही है। प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में अगर एक साथ दो या तीन मरीजों के शव को एंबुलेंस से भेजना हो तो संभव नहीं है। यहां के सबसे बडे अस्पताल में इस कमी को दूर कराये जाने के लिए अस्पताल प्रशासन कितना तत्पर है, जांच में सामने आना बाकी है
मोदी राज में बैंकों के खाते में डाले 9.92 लाख करोड़, गीतांजलि जेम्स ने लगाया सबसे ज्यादा चूना एम्बुलेंस चालक की तीमारदारों से होती नोंकझोंक वाहनों के इकलौते चालक राजाराम ने अपना दर्द बया करते हुए कहाकि आए दिन तीमारदार मुझसे विवाद कर लेते हैं। एक साथ दो या तीन मरीज का शव आ जाता है
तो लोग पहले के चक्कर में हमसे झगड़ा करते हैं। प्रतिदिन अपशब्द सुनता हूं। 24 घंटे कभी मरीज को कभी शव को लेकर पहुंचाता रहता हूं। डायबिटीज काएंबुलेंस चालक की भर्ती के लिए भेजा है
चिकित्सा प्रमुख अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना बताते हैं कि अस्पताल में चार एंबुलेंस और एक शव वाहन उपलब्ध है। और चालक एक ही हैं। उन्हीं से हम लोग काम ले रहे हैं। ज्यादा जरूरत होती है प्राचार्य कार्यालय से चालक बुलवाया जाता है। पोस्टमार्टम के बारे में हमें जानकारी नहीं होती है।
मरीज हो गया हूं और दो साल सेवानिवृत्त बचा है। अकेले होने के नाते मुझे बहुत परेशानी हो रही थी