ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी

ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे,

अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी

1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जा रही थी मकर संक्रांति

ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी। यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा। इस बार सूर्य की राशि का परिवर्तन सुबह 9.13 बजे हो रहा है। खरमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।इस बार व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है। ज्योतिषविद् विमल जैन व आचार्य देवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन साधारण नदी भी गंगा के समान हो जाती है। इस दिन स्नान कर कंबल, घृत, तिल, लडू, वस्त्र दान का विशेष महत्व है। मोक्ष और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय हो जाता है।ज्योतिषविदों के अनुसार, हर साल सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है। इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है। 72 वर्षों में 24 घंटे का फर्क आ जाता है। सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। यह पीछे नहीं चलते हैं। इसलिए एक दिन बढ़ जाता है। इस लिहाज से 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे। हालांकि छह वर्षों तक सूर्य का राशि परिवर्तन प्रात:काल में होने से पूर्व काल मानकर 15 जनवरी को मनाई जाती थी। मगर इसके पहले सूर्य का राशि परिवर्तन संध्याकाल में होता था। इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मान्य थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा, इनकी राशि परिवर्तन हमेशा प्रात: काल में ही होगी। 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी। हालांकि 1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जा रही थी।

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