जानिए यहा ‘योगी मॉडल’ क्या है जिसकी चर्चा कर रहे हैं बीजेपी के मुख्यमंत्री
आज माना जा रहा है कि हिंदू वोट बैंक की नाराज़गी को कम करने और अपने पैर मज़बूत करने के लिए बोम्मई ने ‘योगी मॉडल’ वाला बयान दिया है.
2014 के बाद से बीजेपी ने देश में हर चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द ही लड़ा है. 2017 का यूपी चुनाव भी मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया और जीत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ को सीएम पद की ज़िम्मेदारी दी गई.
जानीए कैसे ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले सीएम
इस साल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 37 साल बाद ऐसा हुआ जब यूपी में पाँच साल सरकार चलाने के बाद कोई दल फिर से सत्ता में आया.
त्प्देउत्तर श की 403 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने अपने दम पर 255 सीटें हासिल कीं.
जीत को लेकर जानकारों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं. ‘डबल इंजन’ सरकार को केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की जनकल्याणरी योजनाओं और यूपी में योगी आदित्यनाथ की दुरुस्त कानून-व्यवस्था के मेल के तौर पेश किया गया.
अभियुक्तों के घरों पर ‘बुलडोज़र’ वाली कार्रवाई सहित कई फ़ौरन की जाने वाली कार्रवाई के कारण यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आलोचनाओं के घेरे में रहते हैं लेकिन कुछ समर्थक सरकार चलाने के उनके सख्त अंदाज़ के हिमायती भी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार बसवराज बोम्मई ने कहा, “उत्तर प्रदेश की स्थिति के हिसाब से योगी सबसे सही मुख्यमंत्री हैं. कर्नाटक में स्थिति से निपटने के लिए अलग तरीके हैं और इन सबका इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर ज़रूरत पड़ी तो योगी मॉडल वाली सरकार कर्नाटक में भी आएगी.”
लेकिन यहाँ सवाल ये है कि ‘योगी मॉडल’ है
‘बुलडोज़र’ एक्शन बीजेपी शासित राज्यों को आ रहा पसंद?
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों की जानकार नीरजा चौधरी कहती हैं कि अगर कोई सीएम योगी मॉडल की बात करता है तो उनका इशारा ‘बुलडोज़र की राजनीति’ की ओर होता है.
अपने पहले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने दंगाइयों और अपराधियों के घरों पर बुलडोज़र चलवाए, जिसकी ख़ूब आलोचना हुई है .
आज अख़िलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में योगी पर तंज़ करते हुए उन्हें ‘बुलडोज़र बाबा’ कहा था. हालाँकि, इसके बाद ‘बुलडोज़र’ बीजेपी के प्रचार अभियान का एक अहम हिस्सा बन गया. यहाँ तक कि ‘यूपी की मजबूरी है, बुलडोज़र ज़रूरी है’ और ‘बाबा का बुलडोज़र’ जैसे जयं करे भी लग रहे थे .
जानीएबीजेपी राज्यों के लिए मिसाल क्यों बनते जा रहे हैं योगी
अब कानूनी प्रक्रिया को नज़रअंदाज़ करते हुए अभियुक्तों पर झटपट कार्रवाई को लेकर योगी सरकार की आलोचनाओं के बावजूद ऐसा क्या है जो उनको बाकी बीजेपी राज्यों के लिए मिसाल बना रहा है. ख़ासतौर पर कर्नाटक जैसे राज्य में जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा जैसे कई बुनियादी स्तरों पर उत्तर प्रदेश से आगे हैदशकों से यूपी की राजनीति को करीब से देखने वालीं वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरॉन कहती हैं, “योगी मॉडल की जब बात होती है तो उसका मतलब हिंसा के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस से है. चाहे सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन हो, जुमे की नमाज़ कर रही है के बाद हुई हिंसा हो, इन सब मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस रखा गया. केवल एफ़आईआर या गिरफ़्तारी ही नहीं बल्कि अभियुक्तों की तस्वीरें लगाकर उन्हें सार्वजनिक किया, ख़ासतौर पर जिन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया. इसका समाजिक चेतना पर बहुत असर पड़ता है. कोई भी प्रवृत्ति के लोगों के साथ नहीं दिखना चाहता था .“