नई दिल्ली: पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर एक बार फिर से एक्शन हुआ है. दिल्ली के शाहीन बाग समेत 8 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी हुई है. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कुल 8 राज्यों में स्टेट पुलिस छापेमारी कर रही है.
तड़के सुबह छापेमारी के दौरान देशभर में पीएफआई के 170 वर्कर्स को हिरासत में लिया गया है. बता दें कि पिछले दिनों ही एनआईए-ईडी ने मिलकर पीएफआई पर देश के 15 राज्यों में 96 जगहों पर रेड मारी थी और उसके करीब 100 से अधिक वर्कर्स को गिरफ्तार किया था.
टॉप इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे तक आठ राज्यों में 200 से अधिक जगहों पर छापेमारी के दौरान 170 से अधिक पीएफआई कैडर्स को हिरासत में लिया गया है. वहीं, एक खुफिया नोट में दावा किया गया था कि पीएफआई सरकारी एजेंसियों और बीजेपी और आरएसएस नेताओं और उनके संगठनों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है.
सूत्रों की मानें तो दिल्ली में शाहीन बाग, जामिया समेत दूसरे इलाकों में छापेमारी कर कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. केंद्रीय एजेंसियों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और लोकल पुलिस थानों की टीमें भी छापेमारी में शामिल थीं और इस दौरान 1 दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया.
दरअसल, एनआईए और ईडी ने इनपुट दिया था कि पीएफआई हिंसक प्रदर्शन की योजना बना रहा है. इसके बाद ही इन सभी राज्यों में एक बार फिर से पीएफआई पर कार्रवाई हुई है.
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भी पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों पर एटीएस की छापेमारी जारी है. वहीं, गुजरात एटीएस द्वारा अहमदाबाद, सूरत और बनासकांठा से 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है. दरअसल, गुजरात में पीएफआई सक्रिय नहीं है, बल्कि उसकी राजनीतिक पार्टी एसडीपीआई है. सूत्रों की मानें तो जिन 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनके तार विदेशों में बैठे कुछ लोगों से हैं. फिलहाल, गुजरात एटीएस इनकी पड़ताल कर रही है.
कर्नाटक में भी राज्य पुलिस छापेमारी कर रही है. पूरे राज्यभर में रेड मार कर्नाटक पुलिस ने पीएफआई के 45 नेताओं को गिरफ्तार किया है. बता दें कि आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बीते गुरुवार को 15 राज्यों में 96 स्थानों पर की गई छापेमारी को अधिकारियों ने ‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’ करार दिया था. इन छापों के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध की संभावना है.क्या है पीएफआई
स्थापना 2006 में हुई थी और अब इसकी केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर सहित दो दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कईं शाखाएं हैं. गौरतलब है कि कई सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई की जड़ें नेशनल डेवलेपमेंट फ्रंट में होने की बात कही है, जो एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे बाबरी मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप एक साल बाद 1993 में बनाया गया था.