जानिए आज 26 सितंबर से शुरू हुए नवरात्रों का आज दूसरा दिन है. इस दिन देवी के ब्रह्माचारिणी स्वरूप की आराधना होती है.

नई दिल्ली. 26 सितंबर से शुरू हुए नवरात्रों का आज दूसरा दिन है. इस दिन देवी के ब्रह्माचारिणी स्वरूप की आराधना होती है. मान्यता है कि मां ब्रह्माचारिणी से भक्तों को धैर्य और ज्ञान का फल मिलता है. माता के आशीर्वाद से आराधना करने वालों को ऐसा बल मिलता है, जो किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देता है.

जैसा कि आप जानते हैं, हम नवरात्रों के शुभ अवसर पर निवेश के जरिए खुशहाली से संबंधित एक सीरीज़ प्रकाशित कर रहे हैं. कल 26 सिंतबर को नवरात्रों की शुरुआत पर पहला भाग आपने पढ़ ही लिया होगा. यदि नहीं पढ़ पाए हैं तो आप यहां पढ़ सकते हैं 

नवरात्रि वेल्थ स्पेशल: निवेश की शुरुआत मुश्किल, लेकिन चल पड़े तो बरसेगी कृपा. यह दूसरा भाग है, जिसमें देवी ब्रह्माचारिणी के माध्यम से आप समझेंगे कि निवेश कैसे करना चाहिए और कब-कब करना चाहिए. निवेश में बने रहने के लिए मां ब्रह्माचारिणी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है, ताकि हम पर मां की कृपा बरसे और हमारा जीवन उमंगमयी हो जाए. और नवरात्रों में मां की सेवा से जरिए उनकी कृपा पाना ही तो हर साधक का मुख्य मकसद होता है.कठोर तप से पाया शिव को!

एक कथा है कि मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पाने के लिए 1,000 वर्षों तक कड़ी तपस्या की. उन्होंने सिर्फ फल-फूल ही खाए. इन दौरान वे कड़ाके की सर्दी, भयंकर गर्मी, बरसाती मौसम समेत हर ऋतु को सहती रहीं.

 

यदि हम इसे सिर्फ एक कहानी समझें तो यह हमारी बुद्धि की सीमितता होगी. यहां एक-एक बात का गहरा अर्थ है, जिसे हर निवेशक को समझना चाहिए. चूंकि पहले भाग में आप जान चुके हैं कि शुरुआत कैसे करनी है, तो शुरुआत के बाद अब मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप से जरिए कुछ आगे की बातें समझ लेने की बारी है.

जैसा कि कथा में कहा गया है कि अपने लक्ष्य (यहां भगवान शिव) को पाने के लिए देवी ने 1,000 वर्ष तक तप किया. उन्होंने निर्दयी मौसम को बिलकुल इग्नोर कर दिया. इसका अभिप्राय यह हुआ कि एक निवेशक को निवेश शुरू करने के बाद सब्र रखते हुए इंतजार करना चाहिए. निर्दयी मौसम को इग्नोर करने से अभिप्राय बाजार में आए उतार-चढ़ाव को भाव नहीं देने से है. यदि आप किसी मंझे हुए निवेश सलाहकर की सलाह पर निवेश करते हैंऔर उसे लम्बे समय तक बनाए रखते हैं तो वर्षों बाद जो फल आपको मिलेगा, वह मीठा ही होगा.लाल रंग” है मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग

 आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स या किसी भी ऐसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं, जो शेयर बाजार से लिंक्ड है, तो आपको लाल रंग से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसे अपना पसंदीदा रंग बना लेना चाहिए. इसे हम म्यूचुअल फंड्स या शेयर बाजार के उदाहरण से समझते हैं-

मान लीजिए आपने किसी म्यूचुअल फंड में एक SIP सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू की है. इसके बाद एक निश्चित तारीख को आपके बैंक अकाउंट से निकलकर एक अमाउंट इस प्लान में निवेश होता रहेगा. अब, जब-जब बाजार गिरेगा, तब-तब आपको सस्ते दामों में यूनिट्स मिलेंगे. मतलब आपका निवेश निचले स्तरों पर होगा और 10-20 या 30 वर्षों में जब उसका रिटर्न आएगा तो वह शानदार होगा. इसी तरह, बाजार की समझ रखने वाले और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले लोग बाजार के गिरने का इंतजार करते हैं और गिरने पर लमसम पैसा निवेश करते हैं,

  बाजार उठे जोकि बाजार का स्वभाव है तो उन्हें अच्छा मुनाफा मिले.दुनिया के दिग्गज निवेशक वारेन बफे ने भी तो यही कहा है कि जब लोग लालची हो जाएं तो आप डरें, और जब लोग डरने लगें तो आप लालची हो जाएं. इसका मतलब यही है कि जब बाजार गिर रहा हो और लोग डरकर भाग रहे हों तो आपको क्वालिटी शेयरों में पैसा लगाना चाहिए.  लाल रंग से घबराएं नहीं, बल्कि उसे एक मौका समझें. कोरोना काल में जो हुआ, उसे सबने देखा. बाजार भयंकर रूप से गिरा और उससे अधिक तेजी से उछला भी. वह ऐसा मौका था, जब बुद्धिमान लोगों ने अच्छी जगहों पर निवेश किया.धैर्य और ज्ञान का बल

 यह सच भी है कि आज के युग में बलवान वही है, जिसके पास नॉलेज (ज्ञान) है. ज्ञान के साथ धैर्य और मिल जाए, तो फिर सोने पे सुगाहा हो जाए. यदि आप 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य लेकर निवेश करना शुरू करते हैं तो आपको हर महीने 3,000 रुपये निवेश करने होंगे.

30 साल तक निवेश करने के बाद आपको 1 करोड़ रुपये से ज्यादा वापस मिलेंगे, जबकि इसी समय में आपका निवेश मात्र 10 लाख रुपये के आसपास होगा. हमने अपने कल के आर्टिकल में विस्तार से इसकी चर्चा की थी. यदि आपने उसे नहीं पढ़ा है तो हम एक बार फिर आग्रह करेंगे कि उसे जरूर पढ़ें.मां ब्रह्माचारिणी के स्वरूप से सबक

हालांकि, ऊपर विस्तार से हर चीज कनेक्ट की गई है, लेकिन यहां केवल 2 पंक्तियों में निवेश सार बता देते हैं. निवेश की शुरुआत करने के बाद आपको अपने लक्ष्य को टार्गेट करना चाहिए. आपको अपने निवेश को फलने-फूलने के लिए समय देना चाहिए. शेयर बाजार गिरे तो घबराकर पैसा निकालने की बजाय, लालची होकर और निवेश करना चाहिए. शेयर बाजार समेत निवेश के अन्य साधनों के बारे में जानकारी हासिल करते रहना चाहिए.

मां ब्रह्माचारिणी के स्वरूप से सबक

हालांकि, ऊपर विस्तार से हर चीज कनेक्ट की गई है, लेकिन यहां केवल 2 पंक्तियों में निवेश सार बता देते हैं. निवेश की शुरुआत करने के बाद आपको अपने लक्ष्य को टार्गेट करना चाहिए. आपको अपने निवेश को फलने-फूलने के लिए समय देना चाहिए. शेयर बाजार गिरे तो घबराकर पैसा निकालने की बजाय, लालची होकर और निवेश करना चाहिए. शेयर बाजार समेत निवेश के अन्य साधनों के बारे में जानकारी हासिल करते रहना चाहिए.

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