जैसी कि क्रिप्टोकरेंसी में क्यों डूबे हुए करोड़ों- इस गलतियों से बचें

क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में खलबली मची है, दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और नकारात्मक वैश्विक संकेतों का असर केवल शेयर बाजारों पर ही नहीं बल्कि क्रिप्टो मार्केट पर भी दिखाई दे रहा है.

बात बिटकॉइन (Bitcoin) की हो या ईथिरियम (Ethereum), डॉजकॉइन (Dogecoin) हो या पॉलिगन (Polygon) सबका हाल बुरा है, खासकर बिटकॉइन…काफी नीचे है.लेकिन आपके मन में दो जरूरी सवाल होंगे कि आखिर क्रिप्टो में लगाया हुआ पैसा डूब क्यों रहा है, पोर्टफोलियो में गिरावट क्यों है और निवेशक इस वक्त क्या कर सकते हैं.

 

    इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है. इससे पहले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में में भारत की GDP 4.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 1 सितंबर से 100 रुपये की कटौती की गई है. दिल्ली में 19 किलो इंडेन की कीमत 91.50 रुपये है, कोलकाता में 100 रुपये, मुंबई में 92.50 रुपये, चेन्नई में 96 रुपये है.

1 सितंबर से कार, जीप, वैन और अन्य हल्के मोटर वाहनों के लिए टोल टैक्स के रेट में 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 2.65 किलोमीटर कर दिया गया है. यानी प्रति किलोमीटर 10 पैसे की वृद्धि की गई है.

IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव कर तय किया कि एजेंटों को 30 से 35 फीसदी की बजाय 20 फीसदी कमिशन ही मिलेगा. इसके बाद लोगों की प्रीमियम के अमाउंट में कमी आएगी. यह नियम 15 सितंबर 2022 से लागू हो जाएगा.

अब बात क्रिप्टो की. क्रिप्टो करेंसी के गिरने के पीछे क्या क्या वजहें हैं और इंवेस्टर्स के पास क्या क्या ऑप्शन हैं, वो क्या कर सकते हैं. ये सब जानिए वीडियो में.

 
 

 
 

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