जौनपुर:आशीष बाबा हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही चुनार शक्तेशगढ़ परमहंस आश्रम चले गए,सिर्फ एक बार ही घर आये

जौनपुर। मिर्जापुर के चुनार में स्थित परमहंस आश्रम में गोली लगने से घायल आशीष बाबा का पैतृक निवास जौनपुर के रामपुर थाना क्षेत्र के मनुई(दुबान)दमोदरा में है।

आशीष बाबा हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही परमहंस आश्रम चले गए।

परिजनों के अनुसार आशीष दुबे सन 2008 में ही हाईस्कूल पास करने के बाद ही शक्तेशगढ़ आश्रम चले गए,आशीष दुबे के पिताजी चार भाइयो में बड़े भाई अरुण कुमार दुबे,अरविंद दुबे, दिनेश दुबेऔर अवनीश दुबे है आशीष के पिता दूसरे नम्बर पर है.
आशीष बाबा दो भाईयो में बड़े हैं छोटे आभाष दुबे है आभाष को दो पुत्री है बड़ी पुत्री आराध्या दो वर्ष छोटी पुत्री6माह का उसका नामकरण नही हुआ है.

आशीष के चाचा ने बताया कि हम लोग पूरा परिवार अड़गड़ानंद महाराज के भक्त हैं कई वर्षों से आश्रम आना जाना रहता है.

आशीष जब आश्रम चला गया तो हम लोग आशीष को लेने आश्रम गए.लेकिन वहा के साधु बाबा जी ने कहा कि आशीष में संत का लक्षण है यह घर गृहस्थी में नही रह सकता यह साधु होगा आप लोग ले जाने की जिद्द ना करिये फिर हम लोग नही ले आये.

आश्रम जाने के बाद एक बार घर पर आए थे आशीष

परिजनों ने बताया कि आश्रम जाने के बाद एक वर्ष के अंदर चचेरी बहन के शादी में गुरु अड़गड़ानंद महाराज के संग आये थे उन्ही के संग चले गए अब हम लोगो से कोई रुचि नहीं रखते हैं आश्रम में ही महाराज का सेवा करते हैं अविवाहित है आशीष दुबे से आशीष बाबा हो गए हैं आश्रम हम लोग जाते हैं वही पर आशीष बाबा का दर्शन हो जाता है.

आशीष बाबा के बारे मे जानकारी करने पहुँची थी चुनार पुलिस

परिजनों ने बताया कि आश्रम में चली गोली लगने से आशीष बाबा घायल हो गए थे जिनका उपचार चंदौली के एक निजी अस्पताल में चल रहा है सूचना पर आशीष के बड़े पिता गए थे परिजनों ने यह भी बताया कि सात माह पूर्व भी आशीष के ऊपर खौलता कड़ाही का तेल यही साधु डाल दिया था जिसमे आशीष जख्मी हो गए थे मुकदमा भी उस साधु के ऊपर दर्ज हुआ था.

परिजनों ने बताया कि
शनिवार की शाम चुनार की पुलिस पहुंच कर जांच पड़ताल किया। यह गांव आशीष बाबा का पैतृक गांव है।
शनिवार की शाम 3:00 बजे मिर्जापुर जिले के चुनार कोतवाली से रामपुर थाना क्षेत्र के मनुई दामोदरा गांव में कांस्टेबल नरेंद्र पटेल सिविल ड्रेस में पहुंचकर तहकीकात किया। कांस्टेबल ने आशीष बाबा के भौगोलिकता के बारे में परिवार से जानकारी किया।

परिजनों के अनुसार आशीष दूबे हाईस्कूल की पढ़ाई 2008 में पूरी किए हुए हैं। 18 वर्ष की उम्र में स्वामी अड़गड़ानंद के विचारों से प्रभावित होकर घर परिवार छोड़कर आश्रम में ही रहने लगे। इसके बाद परिजनों से पूरी तरह विरक्त हो गए।आशीष बाबा को गोली लगने से परिजनों के साथ क्षेत्र के लोग भी दुःखी हैं।

आशीष बाबा के दादा सालिकराम दुबे आरएसएस और आश्रम से जुड़े है। आशीष बाबा के पिता अरविंद दुबे संस्कृत विद्यालय में अध्यापक और वह भी परमहंस आश्रम में आस्था रखते हैं। आशीष बाबा दो भाई छोटे भाई आभास दुबे प्रयागराज में एक निजी बैंक में कार्यरत है। पिता अरविंद दुबे ने बताया कि गोली लगने पर थोड़ी विचलित जरूर हुआ था। आशीष की मां माधुरी देवी अपने मायके गई हुई है।

आशीष के पिता अरविंद दुबे पेशे से अध्यापक है परिजनों का कहना है किस कारण आशीष बाबा के ऊपर गोली चली हम लोगों के समझ के परे हैं। अभी 7 माह पूर्व जीवन बाबा जो गोली मारा है खौलता तेल का कड़ाही आशीष बाबा के ऊपर डाल दिया था जिससे वह जख्मी हो गए थे।
आशीष का ननिहाल रामपुर थाना क्षेत्र के सिरौली गांव में है। परिजनों ने बताया की हम सभी परिवार के लोग महाराज जी का सन 1975 से ही भक्त हैं। पहली बार आशीष आश्रम गए और वही आश्रम पर रुक गए आशीष बाबा के गए 15 से 16 वर्ष हो गया अभी तक वह घर नहीं आए।

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