जौनपुर।कृष्णा यादव उर्फ पुजारी के मौत के मामले में तीन अभियुक्तों की जमानत मंजूर, परिजनों ने न्याय की लगाई गुहार

कृष्णा यादव उर्फ पुजारी के मौत के मामले में तीन अभियुक्तों की जमानत मंजूर, परिजनों ने न्याय की लगाई गुहार

शैलेश कुमार की रिपोर्ट…..

जौनपुर । पुलिस की हिरासत में कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की हुई मौत के मामले में मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा नामित तीन अभियुक्तों को जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है।

जानकारी होने पर परिवार के लोग हतप्रभ है। उनका कहना है कि अभी सोमवार को ही तीनों अभियुक्त कोर्ट में हाजिर हुए थे।विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने अभियुक्त पुलिसकर्मियों सुरेश कुमार सिंह, राकेश कुमार राय व महेश सिंह की जमानत अर्जी मंजूर कर लिया है। मृत पुजारी के भाई अजय यादव ने बातचीत में बताया कि मेरी बात सीबीआइ के अधिकारी व हाईकोर्ट के अधिवक्ता से हुई।

बताया कि जिन तीन लोगों की जमानत अर्जी मंजूर की गई है वे लोग मेरे भाई के हत्या में शामिल नहीं थे। बताया कि इन तीनों ने फर्जी तरीके से गांव के ही दो युवकों को गिरफ्तार कर शांतिभंग में चालान किया था।तीनों अभियुक्तों से विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पचास हजार की दो जमानत व निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है।

सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्त पुलिस वालों ने आत्मसमर्पण कर जमानत की गुहार लगाई थी। सीबीआइ जांच टीम की माने तो इन पर हत्या के आरोपित पुलिस वालों को बचाने के लिए जीडी में हेरफेर करने का आरोप है।

इनके खिलाफ आईपीएस की धारा 120 बी सपथित धारा 218 में आरोप पत्र दाखिल हुआ है।11 फरवरी, 2021 को एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह व उनकी टीम कृष्णा यादव को पूछताछ हेतु बक्शा थाने ले गई थी। आरोप है कि एसओजी टीम ने देर रात पुजारी के घर दबिश देकर साठ हजार रुपया भी लूट लिया था।

परिवार वालों का आरोप है कि पिटाई से पुजारी की मौत हुई थी। 12 फरवरी 2021 को उक्त मामले में कृष्णा के भाई अजय कुमार यादव ने बक्शा थाने में एसओजी प्रभारी व थानाध्यक्ष सहित आठ पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराई थी।

आठ सितम्बर 2021 को हाईकोर्ट के आदेश पर उक्त मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई। जांच के दौरान सीबीआई ने 11 पुलिसकर्मियों को समान आशय से हत्या व फर्जी दस्तावेज तैयार करने की साजिश आदि का आरोपी बनाया। जिसमे आठ अभियुक्तों को फर्जी दस्तावेज तैयार करने की साजिश का आरोपी बनाया गया है।

परिजनों का आरोप है कि थाना में पिटाई से मौत हो जाने के बाद पुलिस ने शव जिला अस्पताल ले जाकर फेक दिया था। मामले की जानकारी होने पर परिजनों के साथ आस- पास के सैकड़ों लोगों ने जौनपुर- प्रयागराज मार्ग जाम कर कई घण्टे तक बवाल काटा था। आक्रोशित भीड़ के हमले से दरोगा व सिपाही भी घायल हुए थे।

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