बच्‍चों की इस एक आदत से पैरेंट्स मसीहा की तरह काम कर सकती हैं ये 4 ट्रिक्‍स

आपने ऐसे कई पैरेंट्स देखे होंगे जो अपने बच्‍चे के आलसी स्‍वभाव से परेशान 

लेकिन उनका बच्‍चा सोफे से उठरक गेट खोलने की जहमत नहीं उठाता है। ऐसे बच्‍चे अपने पैरेंट्स के लिए ही नहीं बल्कि आगे चलकर पूरे परिवार के लिए परेशानी बन सकते हैं।
  अपने बच्‍चे के टीवी या गैजेट्स से चिपके रहने से परेशान होंगे। अक्‍सर पैरेंट्स को शिकायत रहती है कि उनका बच्‍चा पूरा दिन टीवी देखता रहता है या दोस्‍तों के साथ फोन पर चैट करता रहता है। उसके आसपास क्‍या हो रहा है, घर में क्‍या चल रहा है और घर के कामों में उसकी जरूरत है या नहीं, इससे बच्‍चे को कोई फर्क नहीं पड़ता है। कुछ बच्‍चे होते हैं अपने शरीर को बिल्‍कुल भी कष्‍ट नहीं देना चाहते हैं।
इनके लिए तो टीवी का रिमोट या वीडियो गेम का कंट्रोलर चलाना भी बड़ी मेहनत का काम होता है। ऐसे बच्‍चों के पैरेंट्स बहुत परेशान और फ्रस्‍ट्रेट रहते हैं। वहीं कुछ माता-पिता को यह चिंता रहती है कि उनका बच्‍चा पूरा दिन सोता रहता है। इन आदतों की वजह से ना सिर्फ बच्‍चे का आलसीपन बढ़ता है बल्कि वो कम उम्र में ही मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। पैरेंट्स को इस स्थिति में समझ ही नहीं आ पाता है कि उन्‍हें क्‍या करना चाहिए।

​पैरेंट्स की मुसीबत

अगर आपका बच्‍चा भी बहुत आलसी है और आप समय रहते उसकी इस आदत को सुधारना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहला कदम आपको ही उठाना होगा। यहां हम आपको ऐसी कुछ बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्‍चों में आलसीपन को कम या दूर कर सकते हैं लेकिन ध्‍यान रहे कि इसके लिए आपको थोड़ा स्ट्रिक्‍ट होना पड़ेगा

 दिनभर टीवी देखना सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है। यूं घर बैठे अपने बच्‍चे को अपनी सेहत खराब ना करने दें। आप बच्‍चे को टीवी, मोबाइल या वीडियो गेम के इस्‍तेमाल से रोक नहीं सकते हैं लेकिन इन चीजों के लिए एक टाइम लिमिट तो सेट कर सकते हैं।

कुछ समय बिताएं

कई पैरेंट्स अपने बच्‍चे की परवरिश में इस चीज को इग्‍नोर कर जाते हैं जबकि ये बहुत अहम होती है। वर्किंग पैरेंट्स के पास अपने बच्‍चे के साथ बैठकर कुछ समय बिताने की फुर्सत नहीं होती है। इससे बड़ा चिड़चिड़ा और फ्रस्‍ट्रेट हो सकता है। ऐसे बच्‍चे बुरी आदतों की ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। आप कोशिश करें कि दिन में कुछ समय निकाल कर अपने बच्‍चे के साथ बिताएं और उसकी मन की बात जानें।

​घर के काम करवाएं

बच्‍चे को घर के छोटे-मोटे काम सौंप सकते हैं। जैसे कि जब आप खाना बना रही हैं, तो बच्‍चा सर्विंग में मदद करवाए। इससे बच्‍चे में जिम्‍मेदारी की भावना आएगी और ना चाहते हुए भी आलस दूर होगा। जब बच्‍चा काम पूरा करता है तो उसे शाबाशी दें। वहीं जब वो काम नहीं करता है तो पनिशमेंट के तौर पर उसका स्‍क्रीन टाइम घटा दें।

​कोई काम करे

अगर आपका बच्‍चा किशोर हो चुका है तो उसे घर पर रहने पर कुछ पार्ट टाइम काम करने के लिए प्रोत्‍साहित करें। इससे कम उम्र में ही बच्‍चे पैसों की कीमत और मेहनत करना सीख जाते हैं।

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