ये प्रेम कहानी, आप भी जानें कौन थे मूमल-महेंद्र पाकिस्तान और हिंदुस्तान को जोड़ती है
महिंद्रा और उनका प्रेम
प्रेम कहानी सुनना लोग बहुत पसंद करते हैं। मूमल और महिंद्रा की बहुत खूबसूरत है। मूमल जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लौद्रवा की रहने वाली थी। वहीं महिंद्रा अमरकोट के रहने वाले थे। धरातल की दूरी उन दोनों के प्यार के आगे फीकी पड़ जाती थी।
महिंद्रा मूमल से मिलने के लिए ऊंट पर बैठकर 99कोस की यात्रा करते थे। बदले में मूमल भी मेड़ी पर बैठकर अपने प्रेमी का इंतजार करती थीं। जिस मेड़ी पर बैठकर मूमल महिंद्रा का इंतजार करती थी वो आज भी लौद्रवा में मौजूदबताया जाता है कि मूमल किसी अप्सरा जैसी दिखती थी। उनकी सुंदरता का ये आलम था कि ईरान, इराक से लेकर पूरे सिंध तक उनकी खूबसूरती की बातें की जाती थीं।
किया जा चुका है बखान लोक गीतों का भी
मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी का जिक्र लोक गीतों में भी किया जाता है। लौद्रवा के लोग और वहां जाने वाले पर्यटक आज भी मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी के बारे में बाते करते हैं। दोनों पर बने एक गीत की पंक्ति कुछ इस तरह हैं, “तुम्हारे बिना सोढ राण,यह धरती धुंधली, तेरी मूमल रानी है उदास। मूमल के बुलावे पर असल प्रियतम महेंद्र अब तो घर आव।”
जानिए मूमल ने क्यों त्याग दिए थे प्राण
मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी का अंत सुन आप निराश हो सकते हैं। कहा जाता है कि अंत में दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हो गए थे। वहीं इसके पीछे की वजह हर पुस्तक और रिपोर्ट में अलग-अलग बताई जाती है।
एक बार राजा महिन्द्रा लौद्रवा पहुंचे लेकिन उनके मन में शरारत सूजी। ऐसे में उन्होंने मूमल के पास संदेश भिजवाया कि महिंद्रा को सांप ने डस लिया है। मूमल ने जैसी ही इस बात को सुना वो गिरी और उन्होंने वहीं प्राण त्याग दिए।
जानिए मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी लोग खूब पसंद करते हैं। आपको यह कहानी कैसी लगी? यह हमें फेसबुक के कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
अक्सर प्रेम कहानियां सुनते हैं। फिर चाहे रोमियो-जूलियट हो या हीर और रांझा। लेकिन आज हम आपको लगभग 2000 साल पुरानी एक प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे।