श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग

श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग—

मनोज कुमार सिंह

जौनपुर/जलालपुर—क्षेत्र के त्रिलोचन महादेव निवासी फिल्म अभिनेता चन्दन सेठ के पैतृक निवास स्थान पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन गुरूवार को श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया।कथा से पहले कथा की शुरूआत इन्द्रभान सिंह इन्दु प्रांतीय उपाध्यक्ष/जिलाध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल प्रतिनिधि,रत्नाकर चौबे वरिष्ठ सपा नेता,डा.जय प्रकाश सिंह सुभासपा राष्ट्रीय महासचिव ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया।छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक बाल ब्यास शशिकान्त महराज(श्रीकाशी)ने रास पांच अध्याय का वर्णन किया।श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया।कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं।उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है।उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान,कंस का वध,महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध,उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना,द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान कथावाचक शशिकान्त महराज ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ।जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है।इस अवसर पर डा.अवधनाथ पाल(सपा जिलाध्यक्ष जौनपुर),राजेश यादव नवागत थानाध्यक्ष जलालपुर,विनोद सेठ समाजसेवी,संजय सिंह कोर्री,गायक चिन्टू सरगम,गुलाब राही,मनीष दुबे मंजुल,जिग्नेश मौर्य भ्रमण,प्रदीप सिंह,अनुराग वर्मा,नागेन्द्र सेठ,अरविन्द विश्वकर्मा,विनय वर्मा,सुदर्शन मिश्रा,हरिशंकर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्घालु मौजूद रहे।

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