अमूल डेयरी प्लांट का प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन, प्लांट डायरेक्टर ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी जानकारी

अमूल डेयरी प्लांट का प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन, प्लांट डायरेक्टर ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी जानकारी

बनारस की मिठाइयां राष्ट्रीय स्तर पर बनाएंगे पहचान

लालपेड़ा, लौंगलता, गुलाब जामुन, बेसन के लड्डू, काजू कतली सहित दर्जनों मिठाईयां का अमूल में होगा संग्रह

वाराणसी। पूर्वांचल में दूध क्रांति आने वाली है। बता दे कि वाराणसी जनपद की जौनपुर सीमा से सेट औद्योगिक विकास क्षेत्र कारखियों में बनास डेरी का प्लांट लगभग बनकर तैयार हो गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों होना है। इसके बाद पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति आ जाएगी। लाखों किसानों को इसमें रोजगार मिलेगा। साथ ही नौजवानों को भी भरपूर रोजगार दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के उद्घाटन से पूर्व बनास डेरी के अध्यक्ष शंकर चौधरी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि प्लांट का निर्माण 30 एकड़ क्षेत्र में किया गया है। इस प्लांट का शिलान्यास वर्ष 2021 में 23 दिसंबर को प्रधानमंत्री के हाथों हुआ था।

डेरी वर्तमान में पूर्वांचल क्षेत्र में वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और रायबरेली जिलों से प्रतिदिन लगभग 3 लाख लीटर दूध एकत्र कर रही है और इस प्लांट के चालू होने के बाद बनास डेरी बलिया, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रयागराज व अन्य आसपास के जिलों से दूध एकत्रित करेगी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना न केवल 500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। बल्कि 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। बनास डेरी के अध्यक्ष चौधरी ने आगे बताया कि वर्तमान में यूपी में बनास डेरी का दूध का कारोबार 48 जिलों पूर्वांचल के साथ में 4600 गांव में फैला हुआ है। यह दूध संग्रह अगले साल तक 70 जिलों के 7000 गांव तक विस्तारित हो जाएगा। जिसमें पूर्वांचल के 15 नए जिले जिलों का विस्तार भी शामिल है। पूर्वांचल में 1346 से ज्यादा समितियां है। जो आर्थिक वर्ष 2024- 25 तक बढ़कर 2600 समितियां हो जाएगी। बनास डेरी मौजूदा समय में यूपी में 360000 लीटर दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है। इनमें से लगभग 80000 दूध उत्पादक पूर्वांचल एवं 28 हजार दूध उत्पादक वाराणसी के हैं।

पूर्वांचल में वर्तमान में खुशीपुरा, चोलापुर, मिर्जापुर, गाजीपुर और दुबेपुर में पांच चिलिंग सेंटर कम कर रहे हैं और अगले महीने तक आठ और चालू हो जाएंगे। यूपी में कुल मिलाकर 29 चिलिंग सेंटर चालू है और आर्थिक वर्ष 2024 -25 में बढ़कर 50 हो जाएंगे। इस बुनियादी ढांचे के माध्यम से वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 19 लाख लीटर दूध दिन से अधिक दूध एकत्रित किया जा रहा है। जिसमे वाराणसी से 1.3 लाख लीटर व पूर्वांचल से 3 लाख लीटर प्रति दिन दूध आ रहा है। उत्तर प्रदेश में आर्थिक वर्ष 2024 -25 तक यह संख्या बढ़कर प्रतिदिन 25 लाख लीटर हो जाएगी। जिसमें 9 लाख लीटर प्रतिदिन वाराणसी और पूर्वांचल से आएगा। आगे श्री चौधरी ने बताया कि बनास डेरी पहले से ही पूर्वांचल के आठ जिलों में दूध एकत्र कर रही है। जिसमें 1346 समितियां संगठित की जा चुकी है। इनमें बनास डेरी ने 80000 दूध उत्पादक परिवारों को पंजीकृत किया है ।वर्तमान में बनास डेरी प्रतिदिन 2.93 लाख लीटर दूध एकत्रित कर रही है। जो वर्ष का कुल 6.3 करोड़ लीटर होता है। आर्थिक वर्ष 2024 -25 के लिए बनास डेरी का लक्ष्य पूर्वांचल के 21 जिलों को कर करना है तथा 2600 दूध समितियां का गठन करना भी है। जो 1 लाख दूध उत्पादक परिवारों को पंजीकृत करेगी। आने वाले समय में 3 लाख दूध उत्पादक परिवार बनास डेरी से जुड़ेंगे। बनारस श्री कुश 13 दूध शीतलन केंट बनाकर प्रतिदिन 7 लाख लीटर दूध संग्रह और पूर्वांचल में कुल प्रतिवर्ष 31 करोड़ लीटर तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। अन्य ताजा दूध अमूल ब्रांड के तहत राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाएगा। अन्य ताजा दूध उत्पादों के अलावा बनास डेयरी ने बतास काशी संकुल में प्रतिदिन 10000 किलोग्राम क्षमता की अत्यधिक पारंपरिक भारतीय मिठाइयों के निर्माण की सुविधा स्थापित की है। इस संयंत्र में विभिन्न मिठाइयां जैसे लाल पेडा, लौंगलता, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, रसमलाई, रबड़ी, काजू कतली, मिल्क केक, रसगुल्ला और गुलाब जामुन का निर्माण किया जाएगा। इस सभी मिठाइयों का निर्माण यथा संभव स्वचालित रूप से सबसे स्वच्छ वातावरण और उपकरणों से किया जाएगा। ताकि मिठाइयों की लगातार गुणवत्ता सेल्फ लाइफ और पारंपरिक स्वाद बना रहे। साथ इन मिठाइयों को अमूल ब्रांड के तहत राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाएगा।

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