जानिए इस पौधे की खेती से ऐसे हो जाएंगे मालामाल सिर्फ 3 महीने में बंपर कमाई,

 जानिए कुसुम फसल की बुवाई के लिये एक हेक्टर में 10 से 15 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. इसकी बुवाई करते वक्त ध्यान रखें कि कतार से कतार के बीच की दूरी 45 सेमी और पौधों की दूरी 20 से.मी. रखें. पानी की कमी वाले क्षेत्रों में कुसुम के पौधे को आसानी से उगाया जा सकता है. इसकी खेती सीमित सिंचाई अवस्था में की जाजाती है. इसका पौधा आराम से 120 से 130 दिनों में उत्पादन देना शुरू कर देता है.  

 कुसुम एक औषधीय गुणों वाला पौधा है. इसका बीज, छिल्का, पत्ती, पंखुड़ियां, तेल, शरबत सभी का उपयोग दवाएं बनाने में किया जाता है. इसके फूलों के तेल का उपयो दवाएं बनाने में किया जाता है. इसके फूलों के तेल का उपयोग उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है. कुसुम के तेल का उपयोग इसका प्रयोग साबुन, पेंट, वार्निश, लिनोलियम और इनसे संबधित पदार्थो को तैयार करने में भी लिया जाता हैं.

पानी की कमी वाले क्षेत्रों में इसे आसानी से उगाया जा सकता है. इसकी खेती सीमित सिंचाई अवस्था में की जाती है. इसका पौधा आराम से 120 से 130 दिनों में उगाया जा सकता है. इसकी खेती सीमित सिंचाई अवस्था में की जाती है. इसका पौधा आराम से 120 से 130 दिनों में उत्पादन देना शुरू कर देता है.     

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