मान लिखूँ सम्मान लिखूँ मैं। आशय और बखान लिखूं मैं। जिस नारी पर दुनिया आश्रित, उसका ही बलिदान लिखूँ मैं।

मान लिखूँ सम्मान लिखूँ मैं।
आशय और बखान लिखूं मैं।
जिस नारी पर दुनिया आश्रित,
उसका ही बलिदान लिखूँ मैं।।

जीवन ऐसी बहती धारा,
जिसका प्यासा स्वयं किनारा,
पत्थर पत्थर अश्क उकेरे,
अधरों पर मुस्कान लिखूँ मैं।
मान——

कोमल है कमज़ोर नहीं है,
नारी है यह डोर नहीं है,
मनमर्ज़ी इसके संग करले
इतना कब आसान लिखूँ मैं
मान—-

बेटा हो या बेटी प्यारी,
जन्म सभी को देती नारी,
इसका अन्तस् पुलकित कोमल
इसके भी अरमान लिखूँ मैं
मान—-

हिम्मत से तक़दीर बदल दे,
मुस्कानों में पीर बदल दे,
प्रेम आस विश्वास की मूरत,
शब्द शब्द गुणगान लिखूँ मैं
मान——
लेखक:- रुद्र त्रिपाठी
प्रबन्धक “रुद्र कोचिंग क्लासेज”
Managing Director:- Saint Bean School
प्रबन्धक व मीडिया प्रभारी:- धार्मिक सेवा समिति
सम्पर्क सूत्र:- 9453789608

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Translate »
error: Content is protected !!
Coronavirus Update