कहर बनकर टूटी बारिश, ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 की मौत,  कहर बनकर टूटी बारिश, ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 की मौत, सरकार से मुआवजे की मांग

गया -बारिश और ओले गिरने से ठंडक काफी बढ़ गई. पानी में डूबने और ठंड की चपेट में आने से 100 से ज्‍यादा भेड़ों की मौत हो गई.

गया में बारिश और ओले गिरने से ठंडक काफी बढ़ गई. पानी में डूबने और ठंड की चपेट में आने से 100 से ज्‍यादा भेड़ों की मौत हो गई.गया जिले में मंगलवार रात को तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे. खुले में बंधे भेड़ इसकी चपेट में आ गए. ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 से ज्‍यादा भेड़ों की मौत हो गई. कुछ भेड़ पानी में डूबने से भी मर गए. अब भेड़ पालक सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि प्राकृति आपदा से हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जा सके हार के प्रमुख शहरों में से एक गया में मौसम के तल्‍ख तेवर ने कहर बरपाया है. गया में मंगलवार को तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे. तेज हवाओं और बारिश के कारण ठंड अचानक से काफी बढ़ गया. बताया जाता है कि ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 से ज्‍यादा भेड़ों की मौत हो गई. बड़ी तादाद में भेड़ों की मौत की घटना किसानों के लिए वज्रपात से कम नहीं है. भेड़ों की मौत से परेशान किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि खराब मौसम के कारण हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जा सके.

जानकारी के अनुसार, बड़ी तादाद में भेड़ों के मरने का यह मामला बोधगया के रामपुर गांव का है. बीती रात गया जिले में हुई तेज बारिश के कारण बोधगया के रामपुर गांव में लगभग 100 से ज्यादा भेड़ों कि मौत हो गई. बताया जाता है कि भेड़ों की मौत ठंड और ओला गिरने को कारण हुई. कुछ भेड़ों की मौत की वजह पानी में डूबना भी बताया जा रहा है. खुले में होने के कारण भेड़ बारिश की चपेट में आ गए थे. इस घटना के बाद से रामपुर गांव के भेड़ पालक गमगीन हैं. बता दें कि गांव में करीब 5 से 6 किसान भेड़ पालन का काम करते थे, जिनमें किसी के 30 तो किसी भेड़ पालक के 50 भेड़ों की मौत हो गई. अब इन भेड़ पालकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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